किसानों की कम उपस्थिति देख भड़के डीएओ

फतेहपुर प्रखंड सभागार में बुधवार को कृषि चौपाल में जिला कृषि पदाधिकारी (डीएओ) सबन गुड़िया ने कहा कि यह एक कृषि प्रधान देश है। यहां के अधिकांश लोग कृषि पर ही निर्भर है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Jan 2020 05:44 PM (IST) Updated:Wed, 22 Jan 2020 05:44 PM (IST)
किसानों की कम उपस्थिति देख भड़के डीएओ
किसानों की कम उपस्थिति देख भड़के डीएओ

फतेहपुर (जामताड़ा) : फतेहपुर प्रखंड सभागार में बुधवार को कृषि चौपाल में जिला कृषि पदाधिकारी (डीएओ) सबन गुड़िया ने कहा कि यह एक कृषि प्रधान देश है। यहां के अधिकांश लोग कृषि पर ही निर्भर है। कृषि कार्य कैसे बेहतर हो, इसका प्रयास किया जाना है। साल में दो से तीन फसल पैदा हो ऐसी खेती करने की आवश्यकता है। तभी किसानों की आय दोगुनी हो सकती है। कृषि चौपाल के माध्यम से किसानों को जागरूक करने का काम किया जाना है। किसानों की उपस्थिति काफी कम रहने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार सही तरीके से नहीं किया गया। इसी वजह से किसानों की उपस्थिति काफी कम है।जबकि इस तरह के आयोजन किसानों को कृषि कार्य बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करने से जुड़ा होता है।

गेंहू के बजाय सरसों की खेती करें : कृषि वैज्ञानिक संजीव कुमार ने किसानों को बेहतर कृषि करने के तरीके बताए। कहा कि झारखंड में अम्लीय मिट्टी है। फसल के लिए जमीन के 16 तत्व मौजूद रहने के बाद भी अम्लीय मिट्टी रहने की वजह से पौधा विकसित नहीं हो सकता है। कोई फसल लगाने के पहले अम्लीय दूर करना जरूरी है। अम्लीय का नाश करना जरूरी है। जमीन से अम्लीय के नाश होने से दीमक नहीं लगेगा और फसल भी बेहतर होंगी। वैसे फसल या सब्जी का चयन करें जिसमें कम पानी का उपयोग हो। गेंहू के अपेक्षा सरसों की खेती करना अच्छा होगा। सरसों की खेती में कम पानी का उपयोग होता है। खेती में जैविक खाद का उपयोग करें।

किसानों ने रख अपना पक्ष : कृषि चौपाल में किसानों को भी अपने पक्ष रखने का मौका मिला। खिजुरिया के प्रगतिशील किसान फुरकान अंसारी ने बेहतर खेती के कई तरीकों से लोगों को अवगत कराया। कहा कि फसल लगाने के पहले जमीन का चयन करना जरूरी है। कहा कि किस जमीन में कौन सी फसल बेहतर होगी, पहले इसका चयन करें। इसके बाद ही बीज की बुवाई करनी चाहिए। जामताड़ा जिला के खिजुरिया ग्राम में करेला की खेती की जाती है। यह सिर्फ झारखंड में ही नहीं बल्कि बंगाल राज्य में भी बेची जाती है। मद्रासी ओल की खेती भी उनके द्वारा की गई है। कई किसानों ने विभिन्न समस्या से पदाधिकारियों को अवगत भी कराया।

मौके पर बीडीओ मुकेश कुमार बाउरी प्रमुख किरण कुमारी बेसरा जिप सदस्य भुलू कोल मुखिया विभीषण हेंब्रम, बीटीएम नरेश प्रसाद साह आदि उपस्थित थे।

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