Weekly News Roundup Jamshedpur : हेमंत की सरकार, रघुवर की तस्वीर, पढ़िए शिक्षा जगत की अंदरूनी खबर
Weekly News Roundup Jamshedpur. हर कोई यही कहते नजर आता है कि सरकार हेमंत सोरेन की और ब्रांडिंग पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की हो रही है।
जमशेदपुर, वेंकटेश्वर राव। Weekly News Roundup Jamshedpur झारखंड में सरकार बदल गई है। सरकार के नए मुखिया हेमंत सोरेन ने कामकाज भी संभाल लिया है। लेकिन, इस बदले निजाम में शिक्षा विभाग अब भी रघुवर धुन पर ही थिरक रहा है।
आला अधिकारियों का हुक्म है कि सूबे के शिक्षक बायोमेट्रिक हाजिरी बनाएंगे। वे बना भी रहे हैं लेकिन, जैसे ही कंप्यूटर खोलते हैं उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की तस्वीर संदेश देते दिखाई पड़ती है। इस संदेश को सुने बिना हाजिरी बना पाना संभव नहीं है। इसे लेकर शिक्षकों के बीच चर्चा का माहौल है। हर कोई यही कहते नजर आता है कि सरकार हेमंत सोरेन की और ब्रांडिंग पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की हो रही है। इस बात की शिकायत विभागीय सचिव से हुई लेकिन, वे भी इस मामले में हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। जवाब है, इस मामले में मुख्यमंत्री की ओर से कोई निर्देश नहीं मिला है। सो, पुरानी व्यवस्था कायम है।
मैं चाहे ये करूं... मेरी मर्जी
अल्पसंख्यक स्कूलों पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है। यहां सिर्फ उनकी मर्जी चलती है। सरकारी नियम उनके लिए कोई मायने नहीं रखते। शिक्षा विभाग भी बौना नजर आता है। कान्वेंट और लोयोला समेत तमाम स्कूलों ने मानकों का उल्लंघन करते हुए गत वर्ष के मुकाबले दस हजार से अधिक की फीस वृद्धि कर दी है। पूछने पर जवाब है- मैं चाहे ये करूं, चाहे वो करूं, मेरी मर्जी। दरअसल, स्कूल अपनी मर्जी से हर साल फीस बढ़ा देते हैं। अभिभावकों की ओर से आपत्ति नहीं होती है। सो शिक्षा विभाग भी अपने स्तर से कार्रवाई नहीं करता। विभाग स्कूलों पर कार्रवाई के लिए हाथ डालने का प्रयास करता है तो ऊपर से दबाव पडऩे लगता है। फाइलें कहीं जाकर अटक जाती हैं। ऐसे ही एक मामले में कान्वेंट स्कूल की फाइल अब भी आयुक्त के कार्यालय में लटकी पड़ी है। जबकि, विभाग ने कार्रवाई की अनुशंसा कर चुका है।
शोध पत्र प्रकाशन के लिए पैरवी
कोल्हान विश्वविद्यालय में पीएचडी कर रहे शोधार्थियों के सुपरवाइजरों की छंटनी प्रारंभ हो गई है। दरअसल, कई ऐसे सुपरवाइजर हैं जिनका आइएसएसएम नंबर वाले जनरल में दो शोध पत्रों का प्रकाशन नहीं हुआ है। ऐसे एक दर्जन से अधिक गाइडों को विभिन्न विभागों की ओर से शोकॉज जारी करते हुए दो शोध पत्र प्रस्तुत करने को कहा गया है। अब ये सुरपरवाइजर कोल्हान विश्वविद्यालय के अंतर्गत प्रकाशित जनरल के संपादकों के यहां शोध पत्रों के प्रकाशन के लिए पैरवी लगा रहे हैं। विश्वविद्यालय ने दो शोध पत्र प्रस्तुत करने के लिए 20 दिन का समय दिया है। दस दिन बीत चुके हैं पर, किसी ने अब तक दो शोध पत्र प्रस्तुत नहीं किया है। शोकॉज का जवाब नहीं देने वाले सुपरवाइजरों की छंटनी कर नए सुपरवाइजरों के नामों पर विचार प्रारंभ कर दिया गया है। विश्वविद्यालय पीजीआरसी से पहले सुपरवाइजरों के नाम पर अंतिम मुहर लगाने की तैयारी में है।
इमरजेंट मीटिंग की चर्चा जोरों पर
कोल्हान विश्वविद्यालय में इन दिनों पिछले दिनों हुए एकेडमिक काउंसिल की इमरजेंट मीटिंग की चर्चा जोरों पर है। इस मीटिंग में गम्हरिया स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन में मास्टर इन एजुकेशन की स्वीकृति प्रदान की गई। यह मीटिंग मात्र औपचारिकता थी, बस सभी सदस्यों को हस्ताक्षर करना था। मात्र एक ही संस्थान के लिए अचानक बैठक बुलाने की चर्चा कोल्हान विश्वविद्यालय के तमाम कॉलेजों में है। विश्वविद्यालय की ओर से बताया जा रहा है कि यहां पहले से ही जांच टीम ने मास्टर इन एजुकेशन प्रारंभ करने की सहमति जताई थी। भूलवश यह एजेंडा छूट गया था, इस कारण इमरजेंट मीटिंग बुलाई गई थी। लेकिन यह बात विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों को ही हजम नहीं हो रही है। खैर, जो भी हो अब विश्वविद्यालय की स्वीकृति प्राप्त होने के बाद इसे एनसीटीई में भेजा जाएगा। वहां से अनुमोदन के बाद गम्हरिया स्थित इस संस्थान में मास्टर इन एजुकेशन का कोर्स प्रारंभ होगा।