Weekly News Roundup Jamshedpur : कोरोना ने अप्रेजल पर लगाया ब्रेक, पढ़िए कॉरपोरेट जगत की अंदरूनी खबर
Weekly News Roundup Jamshedpur.प्रतिवर्ष जिन अधिकारियों का अप्रेजल अप्रैल माह के पहले सप्ताह में हो जाता था अब उस पर ब्रेक लग गया है। यह ब्रेक कब तक रहेगा यह किसी को पता नहीं।
जमशेदपुर, निर्मल प्रसाद। Weekly News Roundup Jamshedpur कोरोना संक्रमण के कारण देश-विदेश की अर्थव्यवस्था ठहर-सी गई है। कई कंपनियों का कामकाज और उत्पादन तो पूरी तरह से ठप है। केंद्र सरकार के निर्देश के बाद कंपनी मालिकों को अपने यहां कार्यरत स्थायी व ठेका कर्मचारियों को घर बैठे वेतन देना पड़ रहा है।
इस संक्रमण का असर टाटा स्टील में कार्यरत लगभग पांच हजार से अधिक अधिकारियों पर भी पड़ा है। टाटा स्टील में कार्यरत हर अधिकारी साल भर की अपनी रिपोर्ट देते हैं। इसके आधार पर उन्हें प्रमोशन व वेतन बढ़ोतरी का लाभ मिलता है। प्रतिवर्ष जिन अधिकारियों का अप्रेजल अप्रैल माह के पहले सप्ताह में हो जाता था, अब उस पर ब्रेक लग गया है। यह ब्रेक कब तक रहेगा, यह किसी को पता नहीं। क्योंकि, कंपनी प्रबंधन अपनी लिक्विड मनी को बचाकर चल रही है, ताकि भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना किया जा सके। अब सभी अधिकारी कोरोना को कोस रहे हैं।
हवाई यात्रा पर कोरोना की छाया
टाटा वर्कर्स यूनियन के तीन वर्षो के कार्यकाल में एक बार सभी पदाधिकारी अपने परिवार संग ज्वाइंट कंसल्टेटिव कमेटी फॉर मैनेजमेंट (जेसीसीएम) की मीटिंग के बहाने विदेश यात्र करते हैं। मीटिंग के बाद सप्ताह भर तक विदेश की वादियों का मजा लेते हैं। पिछली बार यह बैठक श्रीलंका में हुई थी। पर, कोविड-19 के कारण इस बार यात्र पर ब्रेक लगता दिख रहा है। यूनियन की वर्तमान कार्यकारिणी का यह अंतिम वर्ष है। ऐसे में उम्मीद कम ही है कि यूनियन नेता परिवार संग विदेश यात्र का संकट मोल लेंगे। कंपनी प्रबंधन ने ज्वाइंट कमेटी, जेडीसी सहित कमेटी मेंबरों के इंडस्ट्रियल टूर पर भी ब्रेक लगा दिया है। जो कमेटी मेंबर इंडस्ट्रियल टूर से होकर आ गए हैं, उनकी तो बल्ले-बल्ले है। लेकिन, जो मौका चूक गए वे अब निराश हैं। पता नहीं फिर कब मौका मिले। ऐसे में पदाधिकारी से लेकर कमेटी मेंबर तक कोरोना को कोस रहे हैं।
शिकायत के बावजूद कुछ नहीं हुआ
लॉकडाउन में स्थायी व ठेका कर्मचारियों को दो माह का वेतन मिले, इसके लिए सरकार के श्रम विभाग ने एक टोल फ्री नंबर जारी कर रखा है। उद्देश्य है कि अगर कोई कर्मचारी शिकायत करे तो उसे न्याय मिल सके। लेकिन, ऐसा नहीं हो रहा है। पिछले दिनों टाटा मोटर्स की ट्रांसपोर्ट कंपनी टीटीसीए की एक निबंधित कंपनी ने अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया। 87 कर्मचारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। ऑल इंडिया कान्वाई यूनियन ने मामले की लिखित व टोल फ्री नंबर के माध्यम से शिकायत की, लेकिन अधिकारियों ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। टिमकेन कंपनी में भी अधिकारियों को पूरे माह काम कर आधा बेसिक-डीए मिला। एमडी के आदेश पर उनका वेतन कट गया। लेकिन, भला शिकायत करें भी तो कैसे। शिकायत की तो नौकरी न चली जाए, इसलिए चुप हैं। उम्मीद लगाए हैं कि हालात ठीक होने पर शायद कटा वेतन मिल जाए।
एमडी की घोषणाओं पर नजर
कोविड-19 को देखते हुए टाटा स्टील के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन मंगलवार सुबह ऑनलाइन यूनियन नेताओं से मिलेंगे। इस संकट का कैसे सामना करें, उत्पादकता कैसे बढ़ाएं और कैसे खचरें में कटौती करें, जैसे विषयों पर चर्चा हो सकती है। लेकिन, इससे पहले यूनियन नेताओं व कमेटी मेंबरों की सांस फूल रही है। ऑनलाइन मीटिंग को लेकर तरह तरह का कयास लगा रहे हैं। कुछ का मानना है कि एमडी घोषणा करेंगे कि कर्मचारियों का आधा या एक माह का वेतन देने में देरी होगी। कुछ का सोचना है कि उत्पादन आधा होने और दो माह से स्टील उत्पादों की बिक्री नहीं होने से कंपनी को राजस्व का नुकसान हुआ है, इसका असर भविष्य में स्टेकहोल्डरों पर पड़ेगा। प्रबंधन ने ठेका कर्मचारियों के बकाया राशि चुकाने के लिए 45 दिनों का समय मांगा है। अब कर्मचारियों की बारी है, ऐसे में सभी की नजर एमडी के संबोधन पर है।