Water Crisis: पानी की किल्लत को दूर करने के लिए ये है सरकार की योजना, 2023 तक दूर हो सकता है जल संकट
Water Crisis जमशेदपुर के कंपनी क्षेत्र में बोरिंग पर प्रतिबंध है। यहां टाटा स्टील की जलापूर्ति की जाती है इसलिए किसी को पानी की ज्यादा दिक्कत भी नहीं होती है। भूगर्भ जल का स्तर गैर कंपनी क्षेत्र में ही है। हालांकि मानगो जलापूर्ति भी शुरू हो गई है।
जमशेदपुर, जासं। आजादी के अमृत महोत्सव में केंद्र सरकार ने अमृत सरोवर योजना शुरू की है, जिसके तहत 15 अगस्त 2023 तक देशभर के सभी जिले में 75-75 तालाब बनाने का लक्ष्य रखा गया है। यह योजना भूगर्भ जलस्तर बढ़ाने का महती प्रयास है, जिसकी आज सबसे ज्यादा आवश्यकता है। जमशेदपुर में ही मानगो, आदित्यपुर, बागबेड़ा, गोविंदपुर आदि में सैकड़ों फ्लैट-अपार्टमेंट बन गए हैं, तो अब भी बन रहे हैं। यह तब है, जब इन क्षेत्रों में पानी की सबसे ज्यादा किल्लत है। मानगो, आदित्यपुर व गम्हरिया इलाकों में जहां भी घनी कालोनियां बनी हैं, वहां के लोग गर्मी आते ही त्राहिमाम करने लगते हैं। 300 से 500 फुट तक का बोरिंग भी फेल हो जा रहा है। फ्लैट मालिक-संचालक गर्मी के मौसम में पानी की राशनिंग शुरू कर देते हैं। वर्षा जल संरक्षण की सारी प्रशासनिक दिशा-निर्देश कवायद कागजों पर ही दिखती है।
बारिश के दिनों में मिलती है राहत
इससे निजात पाने के लिए अपार्टमेंट-कालोनियों में रिजर्वायर बना रहे हैं। आठ-दस वर्ष पूर्व बने मानगो क्षेत्र की अपार्टमेंट-सोसाइटी में रिजर्वायर बने हैं, जिसमें टैंकर मंगाकर पानी भरा जाता है। इसके बाद इससे मोटर के सहारे फ्लैट की छत पर लगी टंकी तक पानी पहुंचाया जाता है। टंकी से हर फ्लैट में 15 से 30 मिनट तक पानी की आपूर्ति की जाती है। इस बीच जब-जब वर्षा होती है, तो फ्लैट मालिकों को राहत मिल जाती है। मानसून शुरू होने के बाद पूरे वर्षा के मौसम में यह राहत बनी रहती है। बिल्डर्स एसोसिएशन आफ इंडिया, जमशेदपुर के पूर्व चेयरमैन शिबू बर्मन बताते हैं कि मानगो के बाद आदित्यपुर इलाके में सबसे ज्यादा पानी की किल्लत है। इसकी वजह से कई फ्लैट बनकर खाली रह जाते हैं। इनकी बुकिंग में काफी परेशानी होती है। इसकी वजह से रेट कम करके बिल्डर अपने फ्लैट बेचते हैं।
कंपनी क्षेत्र में बोरिंग पर प्रतिबंध
जमशेदपुर के कंपनी क्षेत्र में बोरिंग पर प्रतिबंध है। यहां टाटा स्टील की जलापूर्ति की जाती है, इसलिए किसी को पानी की ज्यादा दिक्कत भी नहीं होती है। भूगर्भ जल का स्तर गैर कंपनी क्षेत्र में ही है। हालांकि मानगो जलापूर्ति भी शुरू हो गई है, लेकिन उससे चौथाई आबादी को भी पानी नहीं मिल रहा है। यही हाल आदित्यपुर नगर निगम व मोहरदा जलापूर्ति योजना की है। वहां सरकारी व्यवस्था होने से उन क्षेत्र के लोगों को भी पानी का संकट झेलना पड़ता है, जिनके यहां पेयजल आपूर्ति का पाइपलाइन पहुंचा है।
भूगर्भ जल स्तर
स्थान 50 वर्ष पूर्व अब
आदित्यपुर 100 फुट 700 फुट
गोविंदपुर 150 फुट 600 फुट
टेल्को 100 फुट 400 फुट
परसुडीह, बागबेड़ा व जुगसलाई 70 फुट 350 फुट
मानगो 50 फुट 300 फुट
सिदगोड़ा व बारीडीह 40 फुट 220 फुट