Transporter Akash Sinha Kidnaping: ट्रांसपोर्टर आकाश सिन्हा अपहरण मामले में बड़ा खुलासा, पढिए कैसे रची गई थी साजिश
Transporter Akash Sinha Kidnaping अपहरण और फिरौती वसूली के मामले में आदित्यपुर के तीन और पांच जमशेदपुर के रहने वाले है और दो लोगों में बंटी और सन्नी सिदगोड़ा थाना के निजी चालक रह चुके है। दोनों से अपहरण में शामिल लोगों की मोबाइल पर बातचीत के डिटेल मिले।
जमशेदपुर, जासं। टेल्को खडंगाझार राधिकानगर निवासी ट्रांसपोर्टर आकाश कुमार सिन्हा और उसके सहयोगी का 27 मई को अपहरण किए जाने, फिरौती के रूप में 60 लाख मांगने और इसके बाद 13 लाख रुपये फिरौती वसूलने का मामला सामने पर गोलमुरी थाना की पुलिस ने आठ लोगों को हिरासत में लिया है। वहीं रिमांड पर लिए गए कार चालक आदित्यपुर निवासी संतोष कुमार से पूछताछ जारी है। पुलिस को सूचना मिली कि मामले में दो होमगार्ड जवान भी शामिल है जो टेल्को और बिष्टुपुर के रहने वाले है। दोनों की तलाश जारी है। मुख्य सरगना सुनिल कुमार आदित्यपुर का रहने वाला है। वहीं वसूली गई फिरौती की रकम बिरसानगर के एक युवक के पास है। वह भी फरार है। एसएसपी ने पुलिस रिमांड पर लिए गए आरोपित संतोष कुमार से गुरुवार देर रात पूछताछ की।
पुलिस ने आरोपी को रिमांड पर लिया
एसएसपी ने कहा कि घटना हुई है और मामले में सत्यता भी है। इधर, अपहरण और फिरौती वसूली के मामले में आदित्यपुर के तीन और पांच जमशेदपुर के रहने वाले है और दो लोगों में बंटी और सन्नी सिदगोड़ा थाना के निजी चालक रह चुके है। दोनों से अपहरण में शामिल लोगों की मोबाइल पर बातचीत के डिटेल मिले है। सभी से पूछताछ जारी है और जो जानकारी मिली है। उसको लेकर छापेमारी की जा रही है। वहीं पुलिस ने अपहरण-फिरौती मामले में आत्मसमर्पण करने वाले संतोष कुमार को दो दिन की रिमांड पर लिया है। हिरासत में लिए गए लोगों और संतोष कुमार को आमने-सामने कर पूछताछ की जा रही है मामले में शामिल बदमाशों तक पुलिस टीम पहुंच चुकी है अपहरण में इस्तेमाल की गई एक कार को संतोष कुमार के आदित्यपुर घर के सामने से पुलिस ने जब्त किए है। हालांकि पुलिस मामले में कुछ बोलने से बच रही है।
27 मई को कारोबारी का हुआ था अपहरण
आकाश सिन्हा का रेस्टोरेंट है और ट्रांसपोर्टर भी है। 27 मई को कारोबारी का हुआ था अपहरण। 27 मई को गोलमुरी गोल्फ मैदान के पास आकाश सिंह और उनके सहयोगी की कार को ओवर टेक कर दो कार पर सवारों ने रोका। इनमें कुछ ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी। विजिलेंस विभाग का बताते हुए कार में बैठा लिया। आंख में पट्टी बांध दी। उसे कार में ही घुमाते रहे। किसी अज्ञात स्थान पर ले गए। संभवत बिष्टुपुर से आगे आदित्यपुर में कहीं उसे रखा गया। हत्या कर देने की धमकी दी। उसकी मोबाइल से ही स्वजनों को फोन किया गया। छोड़ने की एवज में 60 लाख रुपये फिरौती की मांग की गई। अंतत: 13 लाख रुपये में सौदा तय किया गया। किसी तरह 13 लाख लाख रुपये की व्यवस्था की गई। 27 मई की रात जुबिली पार्क गेट संख्या दो पर रुपये का भुगतान किया गया। दूसरे दिन यानि 28 मई को सुबह के 8.30 बजे उसे सिदगोड़ा क्षेत्र लाकर छोड़ दिया गया। बताया अपहरणकर्ताओं को वे पहचानते नहीं है, लेकिन देखकर पहचान सकते है। अपहरण करने वालों की संख्या आठ थी।