टिनप्लेट में दो साल में अंदर 50 को मिली नौकरी

--------------------- अरविंद श्रीवास्तव, जमशेदपुर : टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (टीसीअ

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 08:25 PM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 08:25 PM (IST)
टिनप्लेट में दो साल में अंदर 50 को मिली नौकरी
टिनप्लेट में दो साल में अंदर 50 को मिली नौकरी

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अरविंद श्रीवास्तव, जमशेदपुर : टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (टीसीआइएल) में दो साल के अंदर करीब 50 कर्मीपुत्रों को नौकरी मिली है। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। यहां हर माह तीन से चार कर्मीपुत्रों को उनकी शैक्षणिक योग्यता व दक्षता के आधार पर नियोजित किया जा रहा है। इसे लेकर उनकी लिखित व मौखिक परीक्षा ली जाती है। बीते दिनों आइटीआइ व डिप्लोमाधारक कर्मी पुत्रों की लिखित परीक्षा हुई है जिसका परिणाम इसी सप्ताह निकलेगा। इसमें उत्तीण होने वालों की मौखिक व मेडिकल जांच की जाएगी फिर उन्हें दो-तीन साल के लिए प्रशिक्षण पर रखा जाएगा।

आइटीआइ उत्तीण वाले को तीन साल तो डिप्लोमाधारक कर्मीपुत्रों को दो साल की ट्रेनिंग दी जाती है। इस दौरान आइटीआइ वाले को 5,500 तो डिप्लोमाधारक को 7,500 मानदेय मिलता है। फिलहाल स्नातक, आइटीआइ उत्तीर्ण व डिप्लोमाधारक कर्मीपुत्रों को कंपनी की आवश्यकता के मुताबिक काम पर रखा जा रहा है। नियोजन की इनकी अधिकतम उम्र सीमा 40 साल निर्धारित की गई है। 2016 से लेकर अभी तक कुल 50 कर्मीपुत्रों को नियोजित किया गया है। कंपनी में आज भी डिप्लोमाधारक 25 तो आइटीआइ उत्तीर्ण निबंधित कर्मीपुत्रों की संख्या करीब 45 होगी। इनके नियोजन को लेकर कंपनी प्रबंधन व यूनियन काफी गंभीर है। वहीं मैट्रिक उत्तीर्ण निबंधित कर्मीपुत्रों की संख्या एक हजार से ज्यादा बताई गई है।

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कंपनी का हो रहा विस्तारीकरण, मिलेंगे रोजगार

टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) का विस्तारीकरण किया जा रहा है। 'सीआरएम वन व टू' के बाद अब यहीं पर 'सीआरएम-थ्री' (कोल्ड रोलिंग मिल) यूनिट लगाने पर काम शुरू है। प्रोजेक्ट में 600 करोड़ से ज्यादा लगाने की योजना है। नई यूनिट लगने के बाद रोजगार के अवसर बढ़ेंगे तो कर्मी पुत्रों का भी कल्याण होगा। कंपनी विस्तारीकरण के क्रम में ही पुराने व जर्जर क्वार्टरों को खाली कराकर नई यूनिट के लिए जगह बनाई जा रही है।

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'टिनप्लेट कंपनी में निबंधित कर्मीपुत्रों का नियोजन शुरू है। जरूरत के मुताबिक हर माह कर्मचारीपुत्रों को काम पर रखा जा रहा है। आइटीआइ व डिप्लोमा धारक कर्मी पुत्रों को बहाल करने के बाद उन्हें दो-तीन साल का प्रशिक्षण मिलता है फि र उनके परफ ॉरमेंस के आधार पर उनका स्थायीकरण भी होता है'।

- राकेश्वर पांडेय, अध्यक्ष टिनप्लेट वर्कर्स यूनियन।

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