7585 करोड़ का घाटा के बाद क्या करेगी टाटा मोटर्स, सीएफओ ने बताया रोडमैप

वित्तीय वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही के बाद टाटा मोटर्स की स्थिति सामान्य होना शुरू हो जाएगी। यह कहना है टाटा मोटर्स के ग्रुप सीएफओ पीबी बालाजी का। एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि छमाही बाद चीजे सामान्य होना शुरू हो जाएंगी।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Sat, 22 May 2021 06:00 AM (IST) Updated:Sat, 22 May 2021 10:07 AM (IST)
7585 करोड़ का घाटा के बाद क्या करेगी टाटा मोटर्स, सीएफओ ने बताया रोडमैप
7585 करोड़ का घाटा के बाद क्या करेगी टाटा मोटर्स

जमशेदपुर : वित्तीय वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही के बाद टाटा मोटर्स की स्थिति सामान्य होना शुरू हो जाएगी। यह कहना है टाटा मोटर्स के ग्रुप सीएफओ पीबी बालाजी का। एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि छमाही बाद चीजे सामान्य होना शुरू हो जाएंगी। पहली तिमाही में लॉकडाउन का काफी असर देखने को मिलेगा। दूसरी तिमाही में चीजों में धीरे-धीरे सुधार होना शुरू होगा और दूसरी तिमाही के बाद चीजें सामान्य हो जाएंगी। गौरतलब है कि चौथी तिमाही में टाटा मोटर्स को 7585 करोड़ का घाटा हुआ है।

टाटा मोटर्स के सीएफओ पीबी बालाजी। 

लैंड रोवर 2025 तक हो जाएगी बैटरी इलेक्ट्रिकल व्हीकल

बालाजी ने बताया कि बीते वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में जगुआर लैंड रोवर के मूल डिजाइन में कुछ बदलाव किए गए। इसके कारण नतीजे चौंकाने वाले आए। उन्होंने बताया कि जगुआर वर्ष 2025 तक पूरी तरह प्रीमियम लक्जरी बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल हो जाएगी। वर्ष 2025 तक लैंड रोवर के पास छह बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल मॉडल होंगे। ये बहुत बड़ा फैसला है, जिसे लागू किया गया है।

जगुआर लैंड रोवर

कोविड के कारण 15 हजार करोड़ का हुआ नुकसान

बालाजी ने बताया कि कंपनी ने फरवरी में कहा था कि कंपनी के मुनाफे में 15 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा। इसमें यात्री वाहन में भी 1400 से 1500 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हुआ। क्योंकि कोविड के कारण वाहनों की बिक्री कम हो गई। हालांकि पैसेंजर व्हीकल की बिक्री में मजबूती आई है।

इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट में बढ़ेगी टाटा मोटर्स की हिस्सेदारी

बालाजी का मानना है कि वर्ष 2019, वर्ष 2020 और वर्ष 2021 में यदि इलेक्ट्रिक व्हीकल के क्षेत्र में कंपनी के पोटफोलियो को देखे तो वर्ष 2019 में इलेक्ट्रिक व्हीकल के क्षेत्र में हमारा कारोबार 0.2 प्रतिशत था। जो वर्तमान में बढ़कर दो प्रतिशत से अधिक हो गया है। हम लांग टर्म प्लानिंग पर काम कर रहे हैं और जल्द ही स्थिति बिल्कुल उलट होगी। इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में आश्चर्यजनक बदलाव आएंगे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025-26 में हमारा कारोबार 10 से 12 प्रतिशत और वर्ष 2030 तक बढ़कर 15 से 20 प्रतिशत के भी पार हो सकता है।

 टाटा मोटर्स की इलेक्ट्रिक कार नेक्सन

वाहनों की मांग अच्छी है

ग्रुप सीएफओ का कहना है कि लॉकडाउन के कारण भले ही उत्पादन में कमी आई हो लेकिन इस बीच भी वाहनों की डिमांड अच्छी है। हमने अप्रैल माह में लॉकडाउन के बीच 581 नेक्सन ईवी बेचे। क्योंकि टाटा मोटर्स के वाहनों की अच्छी डिमांड है। उन्हाेंने कहा कि हम अपने कस्टमर की मांग को पूरा करने में सक्षम है।

स्टील की कीमत चिंता का विषय

बालाजी का कहना है स्टील, एल्मुनियम और दूसरे धातुओं की कीमत में काफी बढ़ोतरी हो रही है जो हमारे लिए एक चुनौती है। पहली तिमाही में कंपनी के मुनाफे पर भी इसका असर देखने को मिला था। दूसरी तिमाही तक यह स्थिति बनी रहेगी। लॉकडाउन के कारण देश में इसका उल्टा प्रभाव देखने को मिल रहा है। वहीं, उन्होंने बताया कि सेमी कंडक्टर की कमी हमें खास प्रभावित नहीं करते।

वर्तमान में अनुबंधों पर बातचीत नहीं की जा रही है जैसा कि हम बोलते हैं। इस समय इस समय सभी जमे हुए हैं। लेकिन सेकेंड हाफ में चीजें शांत होने लगेंगी। ऐसी ही हमारी आशा है। हम समझते हैं कि चीजें कुछ ज्यादा ही भाग गई हैं और इसलिए दूसरी छमाही में कूलिंग ऑफ होने की संभावना है, कम से कम सामान्य स्थिति में वापस आना। लेकिन यह सब अटकलें हैं, हमें यह देखने के लिए इंतजार करना होगा कि यह वास्तव में कैसे खेलता है। जो अधिक महत्वपूर्ण है वह यह है कि हम इसके बारे में क्या करने जा रहे हैं। मुझे लगता है कि हम उचित मूल्य वृद्धि लेंगे जो हम पहले ही कर चुके हैं। हम अंतिम ग्राहकों की सुरक्षा के लिए अपने स्तर पर पूरी कोशिश कर रहे हैं ताकि जिसने भी कारों का ऑर्डर दिया है, वह 7 मई तक कीमतों में बढ़ोतरी से प्रभावित न हो। उम्मीद है कि लॉकडाउन हटने के बाद महंगाई कम होगी।

वाणिज्यिक वाहनों की मांग में आई कमी

बालाजी का कहना है कि पिछले दो वर्ष के आंकड़ों को देखे तो वाणिज्यिक वाहनों की डिमांड में भारी गिरावट आई है। उत्पादन के मामले में हम 10 साल पीछे हो गए हैं। हालांकि लॉकडाउन के कारण हमारे देश की जीडीपी 10 साल पीछे नहीं हुई है। वाणिज्यिक वाहन इसका प्रतिबिंब है कि देश की जीडीपी का विकास किस तेजी से हो रहा है। बीएस-6 के बाद वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में 10 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, वर्ष 2019 की पहली तिमाही में भी बिक्री अच्छी रही। हमें इसी आंकड़े को वापस पाना है। उम्मीद है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद बाजार में निरंतरता आएगी। सबकुछ तेजी से वापस पटरी पर लौटेगी। 

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