झारखंड में ऑक्सीजन की कमी नहीं, 14 प्लांट से हर दिन आठ हजार टन तैयार करने की क्षमता
कोविड मरीजों की संख्या बढ़ने से ऑक्सीजन की खपत तीन से चार गुना बढ़ गई है लेकिन झारखंड के लिए अच्छी बात यह है कि यहां ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
जमशेदपुर, अमित तिवारी । कोविड मरीजों की संख्या बढ़ने से ऑक्सीजन की खपत तीन से चार गुना बढ़ गई है लेकिन झारखंड के लिए अच्छी बात यह है कि यहां ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। पूरे राज्य में लगभग 14 ऑक्सीजन प्लांट है, जहां पर हर दिन 8 हजार 455.49 टन ऑक्सीजन तैयार करने की क्षमता है। इसमें बोकारो में सबसे अधिक पांच हजार 14.14 टन, उसके बाद जमशेदपुर में 3 हजार 410.25 टन ऑक्सीजन प्रतिदिन तैयार हो सकता है। वहीं रांची में सात टन, हजारीबाग में 4.1 टन, रामगढ़ व देवघर में 10-10 टन ऑक्सीजन तैयार होने की क्षमता है।
जमशेदपुर में दो बर्मामाइंस, एक साकची व एक आदित्यपुर में ऑक्सीजन प्लांट संचालित हो रहा है। ऐसे में जमशेदपुर में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल, टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) व टाटा मोटर्स अस्पताल का आंकड़ा देखा जाए तो करीब तीन से चार गुना ऑक्सीजन की खपत बढ़ी है। लेकिन, कमी नहीं है। जिसके कारण मरीजों को आसानी से उपलब्ध हो पा रही है। सूत्रों के अनुसार, झारखंड से दूसरे राज्यों में भी आवश्कतानुसार ऑक्सीजन की सप्लाई होती है। इसमें उत्तरप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ सहित अन्य प्रदेशों शामिल हैं।
एमजीएम में 13 हजार किलोलीटर स्टोरेज करने की क्षमता
एमजीएम अस्पताल में अलग से 110 बेड का डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाया गया है। यहां पर लगभग सभी गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन चढ़ाया जाता है। वार्ड के हर बेड पर ऑक्सीजन प्वाइंट बनाया गया है, जिसके माध्यम से मरीजों को आसानी से ऑक्सीजन मिल पाता है। अप्रैल माह में एमजीएम में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन पाइपलाइन का उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने किया था। ऑक्सीजन स्टोरेज के लिए एक प्लांट बनाया गया है, जहां पर 13 हजार किलोलीटर ऑक्सीजन रखने की क्षमता है। बीते चार माह में अब तक 21 हजार 500 हजार किलोलीटर ऑक्सीजन स्टोरेज किया गया है। इसमें लगभग 17 हजार किलोलीटर ऑक्सीजन की खपत हुई है। ऑक्सीजन स्टोरेज करने वाले कर्मचारी कहते हैं कि उन्हें अभी तक एक बार भी ऑक्सीजन की कमी महसूस नहीं हुई। जब भी जरूरत पड़ती साकची ऑक्सीजन प्लांट में सूचना भेज दी जाती है। वहां से तत्काल ऑक्सीजन आ जाता है।
कहां कितने ऑक्सीजन प्लांट
जगह -संख्या -क्षमता (प्रतिदिन)
- डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी, उपाधीक्षक, एमजीएम