Tata Steel Business: टाटा स्टील को तीसरी तिमाही में 4011 करोड़ का शुद्ध मुनाफा
Tata Steel Business. कंपनी ने इस तीमाही के दौरान कैपेक्स पर 1394 करोड़ रुपये खर्च किया। कंपनी ने कलिंगानगर में कोल्ट रोलिंग मिल और पिलेट प्लांट पर फिर से काम शुरू करने का निर्णय लिया है। भारत में इस्पात की मांग में तेजी से सुधार हुआ है।
जमशेदपुर, जासं। टाटा स्टील की निदेशक मंडल की बैठक में मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2020-21 की 31 दिसंबर को समाप्त हुए तीसरी तिमाही तथा तीन तिमाही (नौ माह) के वित्तीय परिणाम घोषित कर दिया। घोषित परिणाम के मुताबिक चालू वित्तीय वर्ष के तीसरी तिमाही में कंपनी का समेकित मुनाफा कर अदायगी के बाद 3.4 प्रतिशत सुधार के साथ 4010.94 करोड़ हुआ है।
अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के मुनाफे यह वृद्धि कंपनी की आय बढ़ने से संभव हुआ है। कंपनी को पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि में 1228.53 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी की कुल आय बढ़कर 39,809.05 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 35,613.34 करोड़ रुपये थी। कंपनी का खर्च आलोच्य तिमाही में 34,183.18 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही में 35,849.92 करोड़ रुपये से कम है। रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी का तीसरी तिमाही में समेकित फ्री नकद प्रवाह 12078 रूपये था तथा नौ माह में यह 20588 करोड़ हुआ। कंपनी ने इस तीमाही के दौरान कैपेक्स पर 1394 करोड़ रुपये खर्च किया। कंपनी ने कलिंगानगर में कोल्ट रोलिंग मिल और पिलेट प्लांट पर फिर से काम शुरू करने का निर्णय लिया है।
भारत में इस्पात की मांग में तेजी से सुधार
कंपनी के परिणाम पर कंपनी के ग्लोबल सीईओ सह प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि वैश्विक और भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के कारण भारत में इस्पात की मांग में तेजी से सुधार हुआ है। हमने निर्यात को कम करके अपने स्थानीय ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हमारे बाजारों को घरेलू बाजारों तक पहुंचाया। सभी खंडों, विशेष रूप से मोटर वाहन ने मजबूत ग्राहक संबंधों, बेहतर वितरण नेटवर्क, ब्रांडों और नए उत्पाद विकास पर हमारे निरंतर ध्यान द्वारा समर्थित बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। हम व्यापार को जोखिम में डालने के लिए हमारी विभिन्न पहलों पर अच्छी प्रगति कर रहे हैं। जबकि हमारे डिजिटल मार्केटिंग प्लेटफॉर्म हमें नए बाजारों तक पहुंचने और भविष्य के लिए तैयार होने में मदद कर रहे हैं।
राजस्व में सुधार करने में मदद मिलेगी
बुनियादी ढांचे और हाल के नीतिगत विकास में निवेश, आर्थिक विकास को चलाने के लिए, भारत में स्टील की मांग को बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मजबूत बाजार की स्थिति और डिलेवरेजिंग के साथ हमारी सफलता को देखते हुए हमने कलिंगनगर में पेलेट प्लांट और सीआरएम कॉम्प्लेक्स पर काम फिर से शुरू कर दिया है, जिससे लागत कम करने और राजस्व में सुधार करने में मदद मिलेगी।