अब बीज के बागीचे से आत्मनिर्भर बनेगा झारखंड
वन विभाग के मुताबिक प्रत्येक वर्ष झारखंड में दो करोड़ रुपये के बीज व पौधे मंगाए जाते हैं।
मनोज सिंह, जमशेदपुर : अब उन्नत बीज के मामले में झारखंड आत्मनिर्भर होगा। इसके लिए सरकार ने जमशेदपुर समेत तीन शहरों के चार स्थानों पर आर्किड (बीज के बगीचे) तैयार करवा रही है। वन विभाग के मुताबिक प्रत्येक वर्ष झारखंड में दो करोड़ रुपये के बीज व पौधे मंगाए जाते हैं। सीड आर्किड प्रोडक्ट कार्यक्रम 10 वर्ष का है। तैयार होने के बाद सरकार को प्रत्येक वर्ष बाहर से बीज मंगाने पर होने वाले करोड़ों रुपये की बचत होगी। कोल्हान के क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक वीएन शाह कहते हैं कि यह योजना शतप्रतिशत सफल होगी। क्योंकि बीज के बगीचे में उन्नत किस्म के बीज से पौधे तैयार किए गए हैं, जो कई रिसर्च सेंटर से मंगाए गए थे।
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झारखंड के चार स्थानों पर बनाए जा रहे बीज के बगीचे
जमशेदपुर वन प्रमंडल के केसरदा, वनरोपण, शोध एवं मूल्यांकन अंचल रांची, वन संरक्षक एवं राज्य वन वृक्ष विज्ञानी रांची तथा दुमका वन प्रमंडल में बीज के बगीचे तैयार किए जा रहे हैं।
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25 एकड़ जमीन पर 16 प्रजाति के लगाए गए 10007 पौघे
जमशेदपुर वनप्रमंडल अंतर्गत चाकुलिया वन क्षेत्र के केसरदा में 25 एकड़ जमीन पर तैयार किए गए सीड आर्किड या बीज के बगीचे तैयार हो रही है। यहां उच्च गुणवत्ता वाले 16 प्रजाति के 10007 पौघे लगाए गए हैं।
वर्तमान समय में वन विभाग द्वारा लाखों के बीज बाहर से मंगाए जाते हैं। यही कारण है कि 10 वर्षीय योजना के तहत बीज के बगीचे में 16 प्रकार के उच्च गुणवत्ता वाले पौधे लगाए गए हैं। चाकुलिया के रेंजर एएन तिवारी कहते हैं कि बाहर से मंगाए गए बीज से लगभग 70 प्रतिशत पौधे निकलते थे। बाकि ट्यूब के साथ ही पौधे बेकार हो जाते थे। इसके बाद दुबारा लगाया जाता था। अब जब अपना बीज तैयार हो जाएंगे तो 95-98 प्रतिशत तक बीज से सही पौधे निकलेंगे। इससे तैयार पौधे जल्द बढ़ेंगे और सही सलामत रहेंगे।
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बीज के बगीचे में लगाए गए पौधे
बहेड़ा - 357 पौधे
करम - 537 पौधै
सागवान - 468 पौधै
सागवान क्लोन - 300 पौधे
काला शीशम - 245 पौधे
शीशम - 616 पौधे
साल - 296 पौधे
कटहल - 1433 पौधे
आम - 932 पौधे
अर्जुन - 122 पौधे
कचनार - 902 पौधे
इमली - 1500 पौधे
जामुन - 609 पौधे
काजू - 997 पौधे
बेल - 222 पौधे
अमरूद - 471 पौधे
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कोट
सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत चाकुलिया के केसरदा में अपना बीज का बागीचा तैयार हो रहा है। जब अपने बगीचे में उच्च गुणवत्ता वाले बीज व पौधे तैयार हो जाएगा तो बाहर से बीज मंगाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। आज दिल्ली, ओडिशा, बंगाल व महाराष्ट्र से बीज मंगाना पड़ता है। इस योजना के तहत न केवल बीज पर हो रहे सरकार के लाखों रुपये खर्च को बचाया जा सकेगा, बल्कि बीज दूसरे जिलों व राज्यों को भी बेचने की योजना है।
-- डा. अभिषेक कुमार, डीएफओ जमशेदपुर