सोनारी के तीन छात्र घर से हुए फरार, सुनाई अपहरण की कहानी

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : सोनारी पंचवटी नगर में रहने वाले तीन छात्र रविवार की शाम अपने घर से

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Oct 2017 03:00 AM (IST) Updated:Tue, 24 Oct 2017 03:00 AM (IST)
सोनारी के तीन छात्र घर से हुए फरार, सुनाई अपहरण की कहानी
सोनारी के तीन छात्र घर से हुए फरार, सुनाई अपहरण की कहानी

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : सोनारी पंचवटी नगर में रहने वाले तीन छात्र रविवार की शाम अपने घर से ट्यूशन जाने की बात कह कर घूमने भाग गए। तीनों छात्रों ने अपनी साइकिल टाटानगर स्टेशन में खड़ी की ओर ट्रेन से दूर निकल गए। मोबाइल भी स्वीच ऑफ कर लिया। सोमवार की शाम कुर्ला एक्सप्रेस से वे तीनों छात्र टाटानगर स्टेशन पहुंचे और अपने अभिभावकों को अपहरण किये जाने की कहानी बताई। इसपर जीआरपी ने बच्चों से पूछताछ की और उन्हें सोनारी थाना भिजवा दिया। सोनारी थाने में ही बच्चों की गुमशुदगी की रिपोर्ट परिजनों ने लिखवाई थी।

सोनारी पंचवटी नगर निवासी दयानन्द साव का 15 वर्षीय बेटा आनंद साव,जो भारत सेवाश्रम में 9वीं का छात्र है। अपना चुक्का तोड़कर उसमें से रुपये निकाले और रविवार को ट्यूशन जाने की बात कह अपनी साइकिल लेकर घर से निकला। इसी तरह सुभाषचंद्र शर्मा का बेटा आयुष शर्मा (13) भी प्रोजेक्ट बनाने के नाम पर घर से दो सौ रुपये लेकर निकल गया। वह टैगोर एकेडमी का कक्षा आठवीं का छात्र है। वहीं गीता गोराई का बेटा शुभम कुमार (13) साईकिल मरम्मत करवाने के नाम से अपनी मां से 100 रुपये लिया और रविवार की शाम घर से निकल गया। वह मिथिला स्कूल के कक्षा 5वीं का छात्र है। तीनों छात्र ट्यूशन नहीं जाकर सीधे टाटानगर रेलवे स्टेशन पहुंचे और वहां से ट्रेन से चले गए

बच्चों के घर नहीं लौटने पर माता पिता ने उसकी तलाश शुरू कर दी और सोनारी थाना में गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। सोमवार की सुबह बच्चों की तलाश करते हुए जब दयानंद साव टाटानगर रेलवे स्टेशन के पार्किग में पहुंचे तो उनके बेटे की साईकिल के साथ दो अन्य छात्रों की साइकिल भी वहीं खड़ी थी। जिसके बाद तीनों छात्रों के परिजन टाटानगर स्टेशन पहुंचे और सीसीटीवी फूटेज को खंगालने लगे। दो छात्रों के पास मोबाइल था। उन मोबाइन नंबरों पर जब रविवार की शाम संपर्क किया गया तो छात्रों ने उनका अपहरण कर लिये जाने की कहानी अपने परिजनों को बताई और कुर्ला एक्सप्रेस से अपहरणकत्र्ताओं के साथ टाटानगर स्टेशन आने की बात कहने लगे। इसकी सूचना मिलते ही टाटानगर स्टेशन में जीआरपी सहित आरपीएफ के जवान सक्रिय हो गये और ट्रेन के आते ही छात्रों वाली बोगी को घेर लिया। लेकिन उक्त बोगी में सिर्फ बच्चे ही थे।

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यह कहानी बताई छात्रों ने

तीनों छात्रों ने पुलिस को बताया कि सोनारी में जब वे लोग तीनों एक साथ साईकिल से निकले थे तो एक बाइक सवार उनलोगों को दौड़ाने लगा। वे लोग भागते हुए टाटानगर रेलवे स्टेशन पहुंचे और साईकिल स्टैंड में खड़ी कर टाटानगर स्टेशन के अन्दर प्रवेश कर गये और जो ट्रेन खुलती देखी उसी में सवार होकर मुरी तक चले गये। वहां ट्रेन से उतरकर दूसरे ट्रेन में बैठ गये जो ट्रेन उसे खड़गपुर तक ले गई। उस स्टेशन में वे लोग रोने लगे तो वहां के लोगों ने उसे कुर्ला एक्सप्रेस में बैठाकर टाटानगर स्टेशन तक लाकर छोड़ दिया। लेकिन जब कड़ाई से पूछताछ होने लगी तो बच्चों ने अपहरण करने की बात से इंकार किया और कहा कि वे लोग घुमने के इरादे से घर छोड़कर फरार हो गये थे।

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