Jharkhand Politics : सरयू खेमा रघुवर दास के समर्थकों के खिलाफ हुआ आक्रामक

Jharkhand Politics.जब से सरयू राय पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराकर जमशेदपुर पूर्वी के विधायक बने हैं तभी से एक-दूसरे के खिलाफ दोनों नेताओं के समर्थक कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जब जिसे मौका मिलता है हावी हाेने की कोशिश करता है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 06:49 AM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 04:34 PM (IST)
Jharkhand Politics : सरयू खेमा रघुवर दास के समर्थकों के खिलाफ हुआ आक्रामक
सरयू और रघुवर के समर्थक एक-दूसरे को पटखनी देने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।

जमशेदपुर, जासं। saryu roy जब से सरयू राय पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराकर जमशेदपुर पूर्वी के विधायक बने हैं, तभी से एक-दूसरे के खिलाफ दोनों नेताओं के समर्थक कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जब जिसे मौका मिलता है, हावी हाेने की कोशिश करता है।

इसकी शुरुआत बिरसानगर में 23 जुलाई को अधिवक्ता प्रकाश यादव की हत्या से शुरू हुई, जिसमें सरयू राय की पार्टी भारतीय जनता मोर्चा के बिरसानगर मंडल संयोजक अमूल्यो कर्मकार को मुख्य आरोपित बनाया गया। भाजपाई पुलिस पर अमूल्यो को गिरफ्तार करने का दबाव बना ही रहे थे कि पुलिस ने दूसरे दिन ही उसे जेल भेज दिया। इसके बाद कुछ दिन मामला शांत रह। फिर सरयू राय ने इसे अवैध जमीन की जांच कराने को लेकर हवा दे दी। इस पर डीआइजी राजीव रंजन सिंह ने एसआइटी का भी गठन कर दिया। इस पर झाविमो से भाजपा में आए अभय सिंह ने आक्रामक रूख अपना लिया। लगातार एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी चलती रही। सरयू राय ने एक-दो बार ही अभय का नाम लेकर आरोप लगाए, जबकि अभय सिंह ने नाम ले-लेकर लगातार जुबानी हमला जारी रखा।

कंपनी के क्‍वार्टर में खटाल चलाने का आरोप

हालांकि, कुछ दिनों बाद दोनों के बीच विवाद शांत हो गया, लेकिन कुछ ही दिनों बाद सरयू समर्थकों ने गोलमुरी में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के भाई मूलचंद साहू पर गोलमुरी में अवैध गुमटी रखने को तूल दे दिया। दूसरे दिन ही जुस्को ने उस गुमटी को ध्वस्त कर दिया, फिर सरयू समर्थक ने आरोप लगाया कि मूलचंद सिदगोड़ा के कंपनी क्वार्टर में अवैध रूप से खटाल चलाते हैं। इसकी जांच के लिए टाटा स्टील के अधिकारी को पत्र भी लिखा गया है। इस बीच दो मामले भी सामने आए, जिसमें सरयू समर्थकों ने मूलचंद साहू और उनके पुत्र कमलेश साहू पर सरयू समर्थकों काे मारने-पीटने को लेकर आरोप लगाया गया। थाने में लिखित शिकायत भी दर्ज कराई गई। एक मामले में तो पूर्व मुख्यमंत्री के अंगरक्षक रहने वाले के बेटे को आरोपित बनाया गया।

 अब कम होने का नाम नहीं ले रही तनातनी

अब यह तनातनी कम होने का नाम नहीं ले रही है। इससे पहले बिरसानगर में सरयू राय एक सामुदायिक भवन का उदघाटन किए बिना लौट गए थे, क्योंकि वहां काफी संख्या में भाजपाई जुट गए थे। सरयू राय ने खुलकर आरोप लगाया कि यह पूर्व मुख्यमंत्री के इशारे पर हुआ। अगले दिन सरयू समर्थक उपायुक्त के पास चले गए और बिरसानगर की घटना में शामिल भाजपा कार्यकर्ताओं पर कोरोना अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की गई। फिलहाल भाजपा कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई नहीं हुई है, लेकिन दोनों के समर्थक एक-दूसरे को पटखनी देने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।

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