.. तो सस्ते में निपट जाते प्रकाश झा

मुजतबा हैदर रिजवी, जमशेदपुर : टाटा सबलीज के 59 मामलों में सलामी का जबरदस्त पेंच फंस गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jun 2017 02:47 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jun 2017 02:47 AM (IST)
.. तो सस्ते में निपट जाते प्रकाश झा
.. तो सस्ते में निपट जाते प्रकाश झा

मुजतबा हैदर रिजवी, जमशेदपुर : टाटा सबलीज के 59 मामलों में सलामी का जबरदस्त पेंच फंस गया है। अगर एडिशनल एडवोकेट जनरल के विधिक परामर्श पर अमल हुआ तो सबलीज धारकों को अपने भूखंड आवंटन नियमित कराने के लिए सलामी की रकम देनी पड़ सकती है। नई गणना के अनुसार पीएम माल के लिए फिल्म निर्माता प्रकाश झा को अब सलामी के मद में 37 करोड़ रुपये ज्यादा ढीले करने होंगे।

प्रकाश झा को जब बिष्टुपुर में माल बनाने के लिए सबलीज की जमीन मिली थी। तभी जिला प्रशासन ने इसकी सलामी भी तय कर दी थी। सलामी वो रकम है जो सबलीज धारक को सरकार को एकमुश्त अदा करनी होती है। ये रकम भूमि के बाजार मूल्य से तय होती है। बाजार मूल्य निबंधन विभाग के सर्किल रेट से निकाला जाता है। सबलीज आवंटन होने के समय इस भूमि की पांच करोड़ 11 लाख रुपये सलामी की गणना की गई थी। ये रकम बेहद कम थी। अगर प्रकाश झा उसी वक्त सलामी की रकम अदा कर देते तो उन्हें अब इसके लिए ज्यादा रकम नहीं देनी होती। अब अगर एडिशनल एडवोकेट जनरल की विधिक सलाह के अनुसार प्रकाश झा सलामी की रकम देंगे तो उन्हें कुल 42 करोड़ रुपये देने होंगे। यही नहीं, इस 42 करोड़ रुपये के अलावा अब उन्हें नए रेट पर रेंट और सेस की रकम भी देनी होगी।

मशहूर फिल्म निर्माता प्रकाश झा का माल बिष्टुपुर में बन कर लगभग तैयार है। प्रकाश झा की कंपनी पी एंड एम इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ये माल बनवा रही है। माल बनाने के लिए प्रकाश झा ने डीसी की अध्यक्षता वाली एप्रोप्रिएट मशीनरी कमेटी को जमीन के लिए आवेदन दिया था। इसके बाद कमेटी ने प्रकाश झा को जमशेदपुर के वार्ड नंबर चार में 3.12 एकड़ जमीन आवंटित की थी। आवंटन के बाद इस जमीन पर माल का निर्माण शुरू कर दिया गया था। 2013 में राजस्व विभाग के आदेश पर जिला प्रशासन ने निर्माण कार्य रुकवा दिया था। इस पर मामला हाईकोर्ट गया था। हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि प्रकाश झा समेत अन्य लोग अपने रिस्क पर निर्माण कार्य जारी रख सकते हैं। इसके बाद माल में निर्माण कार्य फिर शुरू हो गया था।

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1132 करोड़ की सलामी की रकम

59 सबलीज के सभी भूखंड के लिए राजस्व शाखा ने सलामी की जो गणना की है वो 1132 करोड़ रुपये है। बाकी 592 करोड़ रुपये की रकम रेंट और सेस की है।

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1724 करोड़ रुपये है सलामी, रेंट व सेस

जिला प्रशासन ने 59 सबलीज के सभी भूखंड के लिए सलामी, रेंट व सेस के लिए 1724 करोड़ रुपये की रकम का निर्धारण किया है। राजस्व शाखा ने एक-एक भूखंड के लिए अलग सलामी, रेंट और सेस की रकम निकाल ली है।

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सुझाव आने के बाद जाएगा प्रस्ताव

जिला प्रशासन सलामी, रेंट और सेस की रकम निर्धारित करने के बाद टाटा स्टील के सुझाव और शिकायत का इंतजार कर रहा है। टाटा स्टील ने सलामी का विरोध किया है। जिला प्रशासन ने उनसे लिखित में अपनी बात रखने की बात कही है। इसी बात को जिला प्रशासन हूबहू सरकार को भेज देगा।

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जुर्माना दे दिया, नहीं दी रिपोर्ट

59 सबलीज की जांच रिपोर्ट सरकार के गले की फांस बनती जा रही है। इस पर आरटीआइ की चर्चा बुधवार को प्रशासनिक हलके में खूब हो रही थी। बताते हैं कि रांची में एक आरटीआइ कार्यकर्ता ने राजस्व विभाग से पूर्व कमिश्नर अरुण की जांच रिपोर्ट आरटीआइ के जरिए मांगी थी। लेकिन, सरकार ने नहीं दी। मामला, सूचना आयुक्त के यहां पहुंचा। राजस्व विभाग पर 25 हजार का जुर्माना हुआ। बताते हैं कि विभाग ने जुर्माना भर दिया लेकिन रिपोर्ट अब तक नहीं दी है। जमशेदपुर में भी दो लोगों ने यह जांच रिपोर्ट आरटीआइ के जरिए मांगी थी। जिला प्रशासन ने आवेदन कोल्हान कमिश्नर को भेज कर पल्ला झाड़ लिया। कमिश्नर का इस मुद्दे पर कोई जवाब ही नहीं आया।

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