कर्ज लेकर दवा खरीद रहे आयुष्मान भारत योजना में शामिल मरीज

गोल्डेन कार्ड रखनेवाले आयुष्मान भारत योजना के करीब एक दर्जन मरीज बाहर से दवाएं खरीदकर इलाज कराने को लाचार हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Thu, 15 Nov 2018 02:00 PM (IST) Updated:Thu, 15 Nov 2018 02:00 PM (IST)
कर्ज लेकर दवा खरीद रहे आयुष्मान भारत योजना में शामिल मरीज
कर्ज लेकर दवा खरीद रहे आयुष्मान भारत योजना में शामिल मरीज

जमशेदपुर[अमित तिवारी]। कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) अस्पताल में गोल्डेन कार्ड रखनेवाले आयुष्मान भारत योजना के करीब एक दर्जन मरीज बाहर से दवाएं खरीदकर इलाज कराने को लाचार हैं। कई मरीजों ने इसके लिए कर्ज भी ले रखा है। ये मरीज सर्जरी, मेडिसीन, शिशु रोग विभाग, आइसीयू सहित अन्य विभागों में भर्ती हैं। 

दैनिक जागरण ने ऐसे मरीजों की जब पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। पाया गया कि कई मरीजों के गोल्डेन कार्ड पर नाम, उम्र और लिंग भी गलत दर्ज है। चूंकि मामला स्वास्थ्य बीमा से जुड़ा है, सो इन्हें भविष्य में भी दिक्कत हो सकती है।

सखी मंडल से लेना पड़ा कर्ज

घाटशिला के बुरूडीह के परितोष मुर्मू का पैर टूट गया है। वह भर्ती हैं। गोल्डेन कार्ड पर उन्हें महिला बताया गया है। उम्र 1986 की जगह 1988 लिखा है। परिवार में सभी लोगों का नाम, उम्र व लिंग गलत दर्ज है। गोल्डेन कार्ड में एक सदस्य का नाम, छह का लिंग व छह की उम्र गलत दर्ज है। दो सदस्यों के नाम ही दर्ज नहीं हैं। परितोष मुर्मू  को अस्पताल से दवाएं नहीं मिल रही हैं। सुमी मूर्म सखी मंडल से पांच हजार रुपये कर्ज लेकर पति का इलाज करा रही हैं। अबतक चार हजार रुपये दवा पर खर्च कर चुकी हैं। तीन माह में कर्ज नहीं चुकाया तो उसे दोगुना भरना पड़ेगा।

गंगाराम ने ब्याज पर लिए सात हजार

चाईबासा के माझी पारसी निवासी गंगाराम सवैया के आयुष्मान कार्ड में दो सदस्य का नाम, तीन का लिंग व आठ की उम्र गलत दर्ज है। गंगाराम सवैया भर्ती हैं। पैसा नहीं होने की वजह से दवा नहीं खरीद पा रहे हैं। एक व्यक्ति से सात हजार रुपये ब्याज पर कर्ज लिया है। उनका पैर सड़क दुर्घटना में टूट गया है। कार्ड पर गंगाराम समेत सभी सदस्यों की उम्र गलत दर्ज है।

चार हजार खर्च कर चुके हैं सालुका

चाईबासा के हरीरा गांव निवासी सालुका कुनटिया का पैर टूट गया है। अस्तपाल में भर्ती हैं। गोल्डेन कार्ड होने के बावजूद ये दवा खरीदने के लिए अब तक चार हजार रुपये खर्च कर चुके हैं। तीन हजार रुपये इन्होंने पड़ोसी से कर्ज ले रखा है। इन्हें अब खून की जरूरत है। पैसा नहीं होने से इन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा। परिवार में चार सदस्य हैं। सभी की उम्र गोल्डेन कार्ड में गलत दर्ज है।

तीन हजार कर्ज ले कैरा खरीद चुके दवा

सोनुवा के उड़न चौक निवासी कैरा सोय का पुत्र रामराई सोय भर्ती है। पैर में जख्म है। इनके आयुष्मान कार्ड में एक सदस्य का नाम व दो की उम्र गलत दर्ज है। कैरा सोय अबतक दवा खरीदने पर तीन हजार रुपये जेब से खर्च कर चुके हैं। इन्होंने दो हजार रुपये पड़ोसी से कर्ज ले रखा है। अब पैसे नहीं हैं। दवा के लिए चिंतित हैं।

दवा के लिए फंड ही नहीं

यह बात सही है कि आयुष्मान योजना के मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। अस्पताल के पास इस योजना के तहत दवा के लिए कोई फंड नहीं है।

- डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी, उपाधीक्षक, एमजीएम अस्पताल, जमशेदपुर

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