दिल के मरीजों पर भारी पड़ सकती ये कनकनी, बरतें सावधानी

मौसम का मिजाज अभी बदलने वाला नहीं है। ऐसे में कई ऐसी बीमारियां हैं जो जरा सी असावधानी पर आपको जकड़ सकती है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Tue, 25 Dec 2018 06:48 PM (IST) Updated:Tue, 25 Dec 2018 07:30 PM (IST)
दिल के मरीजों पर भारी पड़ सकती ये कनकनी, बरतें सावधानी
दिल के मरीजों पर भारी पड़ सकती ये कनकनी, बरतें सावधानी

जमशेदपुर, जेएनएन। मौसम का मिजाज अभी बदलने वाला नहीं है। मंगलवार को धूप तो खिली लेकिन शाम ढलते कनकनी बढ़ गई। ऐसे में कई ऐसी बीमारियां हैं जो जरा सी असावधानी पर आपको जकड़ सकती है। इससे बचाव केवल सावधानी ही है। दिल के मरीज को तो विशेष सावधानी की जरूरत है।

सोमवार को दिसंबर में रात का न्यूनतम तापमान पिछले दो वर्षो के निचले अंक पर पहुंच गया था। जमशेदपुर का पारा गिरकर 7 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। इससे पहले 2015 में 27 दिसंबर का न्यूनतम तापमान 6.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। पश्चिमी हवा झारखंड की ओर आ रही है। ठंडी हवा चलने के कारण तापमान में गिरावट आई है और रात में कनकनी भरी सर्दी बढ़ गई है। इससे न केवल इंसान बल्कि पशु-पक्षी भी परेशान नजर आ रहे हैं। दिन में भी लोग ऊनी कपड़ों को शरीर से नहीं उतार रहे हैं। इस कनकनी भरी सर्दी का असर दिन में भी महसूस हो रहा है। इस वर्ष के अंत तक पारा सामान्य से नीचे ही रहेगा। इस दौरान कुहासा भी रहेगा।

पारा सामान्य से पांच डिग्री नीचे

दिन का अधिकतम तापमान 0.9 डिग्री बढ़ने के साथ 24.7 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1 डिग्री कम है। वहीं न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री की गिरावट के साथ 7.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे न्यूनतम तापमान सामान्य से 5 डिग्री नीचे पहुंच गया है।

अभी नहीं मिलेगी राहत

 मौसम विभाग के अनुसार, मौसम की यह स्थित आने वाले दो से तीन दिनों तक ऐसी ही बनी रहेगी। मौसम वैज्ञानिक आरएस शर्मा ने बताया कि इसके बाद आंशिक उतार-चढ़ाव के साथ कनकनी भरी सर्दी लोगों को परेशान करते रहेगी।

परेशान कर सकती हैं ये बीमारियां

कोल्ड डायरिया : ठंड से बच्चे और बुजुर्ग कोल्ड डायरिया की चपेट में अधिक आते हैं। यह पेट के कीड़ों या बैक्टीरिया के संक्रमण, आस-पास सफाई ठीक से न होने, शरीर में पानी की कमी, दवा का रिएक्शन सहित अन्य कारणों से हो सकता है। इसके लक्षणों में दस्त, पेट में दर्द, पेट में मरोड़ पड़ना, उल्टी आना सहित अन्य शामिल है।

बच्चों को सताती एनफ्लुएंजा : यह वायरल बुखार है, जो सर्दियों के दौरान बच्चों को जल्दी जकड़ता है। कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता होने की वजह से बच्चे इसका शिकार जल्दी हो जाते हैं। अचानक बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और बेचैनी के साथ-साथ गला खराब होना, सरसराहट, नाक बहना और सांस प्रणाली से जुड़ी समस्याएं सामान्य एनफ्लुएंजा (फ्लू) के लक्षणों में हैं।

निमोनिया : निमोनिया अधिक होता है। इसका लक्षण त्वचा में नील पड़ना, उल्टी, थकान, भूख न लगना, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, सीने में दर्द, उलझन, तेज बुखार सहित अन्य हैं। कोशिश करें कि बच्चा जिस कमरे में सो रहा है उसका तापमान देर रात से सुबह तक सामान्य बना रहे।

बड़ों को होने वाली बीमारियां

ब्रोंकाइटिस : ठंड के मौसम में ब्रोंकाइटिस की समस्या आम होती है। ब्रोंकाइटिस फेफड़े के अंदर स्थित श्वांस नलियों का सूजन व मियादी इंफेक्शन है। निमोनिया की समस्या इसका मुख्य कारण है। दूसरा कारण टीबी का इंफेक्शन है। शुरूआती दिनों में इंफेक्शन का समुचित इलाज हो जाए तो ब्रोंकाइटिस से बचा जा सकता है।

दिल की बीमारियां : ठंड में दिल की बीमारियां बढ़ जाती है। हार्ट अटैक की आशंका अधिक रहती है। नसों के संकुचन से रक्त संचार भी प्रभावित होता है। इससे हार्ट अटैक हो सकता है।

 ब्रेन हेमरेज : ठंड में ब्रेन हेमरेज की आशंका बढ़ जाती है। समय पर मरीज को पहुंचने से उसे आसानी से बचाया जा सकता है।

स्किन ड्राइनेस : स्किन ड्राइनेस के मरीज बढ़ गए हैं। ड्राई स्किन को मॉइश्चर नहीं किया जाए तो त्वचा में खुजली और लाल चकते होने लगते हैं। त्वचा रूखी होकर फटने लगती है।

ठंड से ऐसे करें बचाव

- ठंड में अगर सुबह योगा या मॉर्निग वॉक के लिए घर से बाहर जाना है तो सूर्य उगने के बाद ही जाएं। गरम कपड़ों से शरीर को पूरी तरह से ढक लें। टोपी, दस्तानों और मफलर का प्रयोग करें।

- हीटर इस्तेमाल करने के बजाए अलाव का प्रयोग करें।

- ज्यादा देर तक ठंड में ना रहें और खाने-पीने में भी ठंडी चीजों से परहेज करें।

- सर्दी-खांसी होने पर खुद से दवा नहीं खाए। चिकित्सक से जरूर दिखा लें।

- बच्चे व बुजुर्गो पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है।

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