जज्बे को सलाम: पांचवीं मंजिल की बालकनी तक में देंगे अखबार, मौका तो दें

कोरोना फाइटर्स से कम नहीं आपके घर तक अखबार पहुंचाने वाले कर्मयोगी। संकट की इस घड़ी में बिल की चिंता छोड़ प्रतिदिन तड़के पाठक के दरवाजे पर अखबार डालना नहीं भूल रहे हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sun, 29 Mar 2020 08:52 AM (IST) Updated:Sun, 29 Mar 2020 01:54 PM (IST)
जज्बे को सलाम: पांचवीं मंजिल की बालकनी तक में देंगे अखबार, मौका तो दें
जज्बे को सलाम: पांचवीं मंजिल की बालकनी तक में देंगे अखबार, मौका तो दें

जासं, जमशेदपुर : Coronavirus Alert महीने में सिर्फ एक बार अपना चेहरा दिखाने वाले हमारे अखबार वितरक (कर्मयोगी) अपने पाठकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपना मासिक बिल मांगने के लिए भी पाठकों के दरवाजे में नहीं जा रहे हैं।

संकट की इस घड़ी में बिल की चिंता छोड़ प्रतिदिन तड़के पाठक के दरवाजे पर अखबार डालना नहीं भूल रहे हैं। वे अपने पाठक को इसका अहसास भी नहीं होने देते हैं कि लॉकडाउन के दौरान उनकी आर्थ‍िक स्थित‍ि खराब हो रही है। पाठकों का ध्यान वर्षों से अखबार वितरक रखते आ रहे हैं। ऐसे में पाठकों को भी ऑनलाइन पेमेंट का भुगतान कर उनकी मदद की जानी चाहिए।

यहां बताना जरुरी है कि साइकिल पर पूरा शहर तड़के तीन बजे से ही अखबार वितरक घूमना शुरू कर देते हैं और पूरे दिन की ताजा खबर से पाठक को सुबह-स़बह अपडेट कराते हैं। पाठक भी चाय पीना भले ही भूल जाएं लेकिन अखबार पढ़ना नहीं भूलते। अखबार की तलब पाठकों को इस कदर परेशान कर देती है कि समय पर अखबार उन्हें नहीं मिले तो वे अपने अखबार वितरक को फोन करने लगते हैं। लेकिन हमारे अखबार वितरक किसी कोरोना फाइटर से कम नहीं हैं।

इस लॉकडाउन में जब पाठक घर में होते हैं, ऐसे में ये कर्मयोगी, ऋषि श्रीवास्तव, मनोज कुमार, पवन कुमार यादव व हिलारी डिसूजा सभी बाधाओं को पार करते हुए पाठक को दरवाजे पर दस्तक देते हैं। इतना ही नहीं इन वितरकों का निशाना इतना अचूक होता है कि वे पांच मंजिले के किस बालकनी में अखबार को डालना है, बस उन्हें बता दीजिए और सुबह-सुबह अखबार अपने पांच मंजिले के बालकनी में मिलेगा।

अखबार पढ़ने के आदि पाठकों ने तो अपने अपार्टमेंट के फ्लैट से एक रस्सी के सहारे झोला नीचे रात में ही लटका कर छोड़ देते हैं, ताकि तड़के आने वाला अखबार वितरक उसमें अखबार डाल सके। लॉकडाउन के दौरान प्रत्येक व्यक्ति कोरोना वायरस से जुड़ी पल-पल की खबर को जानना चाहता है। ऐसे में अखबार ही एक ऐसा माध्यम है जहां सच्ची खबरों से पाठकों को अपडेट कराया जा रहा है।

chat bot
आपका साथी