नक्सली नहीं मिले तो पकड़ लिया चॉक, बच्चे बोले- फिर आना वर्दी वाले मास्टरजी
पहले तो वर्दी वाले गुरुजी से स्कूली बच्चे कतराते नजर आए। जब लाड़-प्यार मिला तो नए गुरुजी से खूब पढ़े। बाद में खुलकर बातें की।
जमशेदपुर [मनोज सिंह ]। निकले थे नक्सलियों को पकड़ने के लिए। जब वे नहीं मिले तो पकड़ लिए चॉक और पढ़ाने लगे बच्चों को। पहले तो वर्दी वाले 'गुरुजी' से स्कूली बच्चे कतराते नजर आए। जब लाड़-प्यार मिला तो नए 'गुरुजी' से खूब पढ़े। बाद में खुलकर बातें की। अंत में जाते वक्त बच्चे बोले- फिर आना वर्दी वाले मस्टरजी। पढ़ाने के लिए।
शुक्रवार को जमशेदपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक अनूप बिरथरे को भनक मिली कि बोड़ाम थाना क्षेत्र में नक्सली गतिविधियां चल रही हैं। उन्होंने एएसपी अभियान (नक्सल) प्रणव आनंद झा को फोर्स के साथ मौके पर भेज दिया। वे बड़ी संख्या में जवानों के साथ घोर नक्सल प्रभावित गांव कोंकादसा पहुंच गए। समुद्र तल से 3032 फीट ऊंचे जंगल क्षेत्र में चल रहे अभियान में शामिल हो गए। दुनिया से कटे इस इलाके में उन्हें नक्सली नहीं मिले।
स्कूल के बाहर खेलकूद रहे थे बच्चे
फिर कोंकादसा के प्राइमरी स्कूल में बच्चे मिल गए। वे इधर-उधर उछल कूद रहे थे। एएसपी झा व पुलिस टीम को देख बच्चे सहम गए। एएसपी स्कूल के अंदर गए। बच्चों से शिक्षक के संबंध में पूछताछ की। इस पर बच्चों ने बताया कि एक पारा शिक्षक यहां थे। फिलहाल वह पढ़ाने नहीं आ रहे हैं। शिक्षक के नहीं होने के कारण हमलोग खेल रहे हैं। इसके बाद एएसपी झा शिक्षक की भूमिका में आ गए।
चारों ओर फोर्स और बीच में पढ़ाई
स्कूल में शिक्षक नहीं होने की बात सुनकर एएसपी के मन में बच्चों को पढ़ाने की इच्छा हुई। उन्होंने पुलिस दस्ता को चारों ओर तैनात कर दिया। इसके बाद बच्चों को क, ख, ग.. से लेकर ए फॉर एप्पल.. पढ़ाने लगे। वर्दी में पुलिस द्वारा पढ़ाए जाने पर बच्चे खुश नजर आए। उन्होंने बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि सरकार हर तरह की सुविधा उपलब्ध करा रही है, आप लोग पढ़ाई कर अच्छा इंसान बनें। दैनिक जागरण से एएसपी ने बताया कि कक्षा एक से पांचवी तक के बच्चों को पढ़ाया। स्कूल में 22 बच्चे थे। बच्चे काफी खुश नजर आए।
नक्सल प्रभावित गांवों को पुलिस ने ले रखा है गोद
पूर्वी सिंहभूम जिले के सोशल पुलिसिंग के तहत पुलिस कई स्तरों पर काम करती है। गांवों के लोगों का विश्वास जीतने के लिए ग्रामीणों संग सहभोज, खेलकूद प्रतियोगिताएं इसका हिस्सा है।इसके अलावे कई वैसे गांवों को पुलिस ने गोद ले रखा है जो नक्सल प्रभावित रहे हैं। वैसे ही गांवों में एक है घाटशिला अनुमंडल इलाके का जियान गांव। इस गांव से नक्सली धमक दूर करने के लिए पहले नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराया गया और उसके बाद विकास के कार्य किए गए। ग्रामीणाें को खेती-बाड़ी में सहयोग किया गया। एएसपी की इस पहल को भी इस कड़ी से जोड़कर देखा जा सकता है।
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