Mouth Saliva Benefis: आपके मुंह की लार में कई बीमारी को दूर करने की होती ताकत, बता रही हैं आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ सीमा पांडेय
मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जो बार-बार समझाने पर भी लार से नफरत करता है। आप अब भी समझें इस अनमोल लार की कीमत उपयोग करें। हमारे मुंह या मुख में लार को बनाने वाली एक लाख ग्रंथियां हैं जो 24 घंटे लार बनाने का कार्य करती हैं।
जमशेदपुर, जासं। हम इतना तो जानते ही होंगे कि भोजन के बाद मुंह में बनने वाले लार भोजन पचाने में मदद करते हैं, लेकिन यह दूसरी बीमारियों के लिए भी औषधि के काम आता है, शायद नहीं जानते हैं। जमशेदपुर की आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ सीमा पांडेय बता रही हैं मुंह की लार, सलाइवा या लालारस का महत्व...
वह बताती है कि हमारे मुंह या मुख में लार को बनाने वाली एक लाख ग्रंथियां हैं, जो 24 घंटे लार बनाने का कार्य करती हैं। दिन भर हम उस लार को निगलते या घोंटते रहते हैं, लेकिन रात को हम लार को निगल नहीं पाते और वह मुख में इधर-उधर जम जाती है। सुबह उठते ही वाश बेसिन में उसे थूक देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि ये लार/ लालारस/ स्लाइवा/ सलाइवा हमारे लिए कितने कीमती हैं।
जानिए इसके गुण...
सुबह की बासी लार को निरंतर आंखों में डालने से रोशनी बरकरार रहती है। जिसको चश्मा लगा है वह भी उतर जाएगा। आंखों के नीचे काले घेरों पर सुबह लार की मालिश कीजिए, निशान नहीं रहेंगे। आंख में कोई ज्वलनशील तरल या ठोस पदार्थ घुस गया हो, आंख में जलन हो रही हो, तो मुंह या जीभ से अपने आप टपकने वाली लार की दो बूंद डालिए, निश्चित फायदा होगा। पानी घूंट-घूंट करके पीने से ज्यादा लार पानी के साथ हमारे पेट में जाती है, जो पेट में बन रहे हाइड्रोक्लोरिक एसिड को कम करती है। मुख पर कोई दाग धब्बा हो तो, बस लार से मालिश कीजिए। जले हुए स्थान पर मालिश कर सकते हैं, बहुत आराम मिलेगा। चोट पर मुंह या जीभ से गिरने वाली लगाने से चोट जल्दी ठीक हो जाती हैं। आपने कुत्ते को देखा होगा। वह चाट-चाट कर ही अपने घाव ठीक कर लेता है। उसे किसने बताया होगा। चिड़िया पानी को घूंट-घूंट करके पीती है, उसको किसी ने नहीं बताया कि पानी घूंट-घूंट कर पीना है। सभी जानवर पानी घूंट-घूंटकर ही पानी पीते हैं। मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जो बार-बार समझाने पर भी लार से नफरत करता है। आप अब भी समझें इस अनमोल लार की कीमत, उपयोग करें।जमशेदपुर की आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ सीमा पांडेय