'निस दिन बरसत नैन हमारे' पर खूब झूमे दर्शक

जमशेदपुर म्यूजिक सर्किल के तत्वावधान में रविवार को बिष्टुपुर स्थित पितृछाया में नामचीन संगीत गुरु पंडित चंद्रकांत आप्टे की स्मृति में मॉर्निग रागा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ केवल कृष्ण अनिरुद्ध सेन एवं पूरबी घोष ने किया। मनमोहन सिंह ने राग भैरव में सूरदास की रचना भजन ताल व भजन ठेका निस दिन बरसत नैन हमारे एवं राग जोगिया में गुरुनानक देव जी की रचना ताल दीपचंदी में बीत जैहे बीत जैहे जनम अकाज रे भजन की मनमोहक प्रस्तुति दी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 Jun 2019 10:00 AM (IST) Updated:Tue, 11 Jun 2019 06:38 AM (IST)
'निस दिन बरसत नैन हमारे' पर खूब झूमे दर्शक
'निस दिन बरसत नैन हमारे' पर खूब झूमे दर्शक

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जमशेदपुर म्यूजिक सर्किल के तत्वावधान में रविवार को बिष्टुपुर स्थित पितृछाया में नामचीन संगीत गुरु पंडित चंद्रकांत आप्टे की स्मृति में 'मॉर्निग रागा' का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ केवल कृष्ण, अनिरुद्ध सेन एवं पूरबी घोष ने किया। मनमोहन सिंह ने राग भैरव में सूरदास की रचना, भजन ताल व भजन ठेका 'निस दिन बरसत नैन हमारे' एवं राग जोगिया में गुरुनानक देव जी की रचना ताल दीपचंदी में 'बीत जैहे बीत जैहे जनम अकाज रे' भजन की मनमोहक प्रस्तुति दी। दूसरी प्रस्तुति में श्री श्रीनिवास राव ने स्वर्गीय पंडित चंद्रकात आप्टे जी के द्वारा रचित भजन प्रस्तुत किया। तबले पर प्रदीप भट्टाचार्जी सरहनीय संगत रहा। तीसरी प्रस्तुति में शौर्यो रॉय ने विलंभित एकताल में 'छवि मोरे मन ही मन भावे' एवं तीनताल में 'अल्लाह जाने' प्रस्तुत किया। सितार वादक अनिरुद्ध सेन ने सितारवादन पेश किया, जिसमे आलाप, जोड़, झाला एवं तीनताल में दो बंदिशे पेश किए गए। तबले पर अमिताभ सेन ने सराहनीय संगत किया। जाने माने शास्त्रीय संगीत गायक उस्ताद राशिद खान अकादमी की पूर्व शिक्षिका जमशेदपुर की सोमा मुखर्जी ने अपने मखमली आवाज से राग अहीर भैरव पर आधारित विलंभित एकताल एवं द्रुत तीनताल में 'अलबेला साजन आयो रे' गायन प्रस्तुत किया। तबले पर डॉ. पार्थो प्रिय दास एवं हारमोनियम पर मनमोहन सिंह का बेहतरीन संगत रहा। अंतिम प्रस्तुति मे अतिथि कलाकार के तौर पर आमंत्रित कलाकार राजस्थान के वनस्थली महिला विद्या पीठ के संगीत विभाग के प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद बनर्जी ने एकल हारमोनियम वादन पेश किया। अंत में राग मिश्र कैफी में धुन बजाया। कार्यक्रम को सफल बनाने में रोहिणी साठे, मंदिरा सेन, सुशीला बोस, दुर्बा रॉय, अशोक दास, मित्रा, सुनील सिंह, प्रेमा डे, अमृता चौधरी, कार्तिकेय, अशोक बोस के साथ साथ संस्था के सभी सक्रिय सदस्यों का सहयोग रहा।

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