ये एमजीएम है : यहां वार्ड में पानी नहीं, ओपीडी में डॉक्टर नहीं, दवा भी यहां पूरी कभी मिलती नहीं

सुबह के नौ बज रहे हैं। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मुख्य गेट पर दो सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Apr 2019 07:41 AM (IST) Updated:Sun, 28 Apr 2019 06:30 AM (IST)
ये एमजीएम है : यहां वार्ड में पानी नहीं, ओपीडी  में डॉक्टर नहीं, दवा भी यहां पूरी कभी मिलती नहीं
ये एमजीएम है : यहां वार्ड में पानी नहीं, ओपीडी में डॉक्टर नहीं, दवा भी यहां पूरी कभी मिलती नहीं

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : सुबह के नौ बज रहे हैं। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मुख्य गेट पर दो सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। अस्पताल में प्रवेश करते नजर पानी के एकफटे पाइप पर पड़ती है। पाइप से बहता पानी अस्पताल परिसर में जमा हो गया है। पानी से बचते-बचाते अस्पताल के डॉक्टर, कर्मचारी व मरीज सभी आते-जाते हैं, लेकिन किसी को पानी की बर्बादी नजर नहीं आती। एक सफाई कर्मचारी झाड़ू से पानी को नाली की तरफ रास्ता देने की कोशिश करता है और बुदबुदाता हुआ व्यवस्था को कोसते हुए बोलता है-'200-400 रुपये बचाने के लिए पाइप नहीं बदला जा रहा है।' जी हां, इसे अव्यवस्थाओं का अस्पताल कहा जाए तो गलत न होगा। यहां कोई भी चीज व्यवस्थित नहीं।

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डॉक्टर के लिए चक्कर लगाते रहे मरीज

सुबह 9.22 बज रहे थे। तभी इमरजेंसी विभाग से गुस्से में पटमदा निवासी सोमनाथ पात्रा निकलते हैं। उनसे पूछने पर बताते हैं कि पेट में बीते कई दिनों से दर्द है। इमरजेंसी में गया तो डॉक्टर ने ओपीडी भेज दिया। अब यहां पर भी डॉक्टर नहीं हैं। दैनिक जागरण टीम ने जांच की तो पता चला कि वाकई ओपीडी बंद था। नेत्र रोग, सर्जरी, ईएनटी व हड्डी रोग के ओपीडी में डॉक्टर मौजूद नहीं थे। समय से 45 मिनट के बाद सभी डॉक्टर पहुंचे।

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पर्ची कटाने के लिए मरीजों की लंबी कतार

सुबह 10 बजे। रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पर्ची कटाने के लिए मरीजों की लंबी कतार दिखी। मनोज कर्मकार कहते हैं- इतनी देर से पर्ची बनेगी तो डॉक्टर कब देखेंगे? जबतक वह पहुचेंगे तबतक पता चला कि डॉक्टर साहब उठ चुके हैं। मरीजों का सब्र टूट रहा था। रजिस्ट्रेशन काउंटर पर बैठे एक कर्मचारी से पूछने पर पता चला कि सेंट्रल रजिस्ट्रेशन काम नहीं कर रहा है, इसीलिए देर हो रही है।

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आइसीयू, इमरजेंसी कहीं नहीं पानी

सुबह के 10.15 बजे। आइसीयू (इंटेंसिव केयर यूनिट) में भी पानी नहीं था। किसी तरह दूसरी जगह से बोतल व बाल्टी से पानी लाकर काम चलाया जा रहा है। आइसीयू के नीचे भवन में स्थापित इमरजेंसी विभाग व डायलिसिस यूनिट में भी पानी नहीं था। पाइप फटने की वजह से हीं यहां पानी नहीं पहुंच पा रहा है।

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चौथी मंजिल से पानी के लिए आना पड़ रहा नीचे

10.30 बजे। चौथी मंजिल पर स्थापित मेडिकल वार्ड में भर्ती रघुराम सिंह बोतल लेकर नीचे उतरते हैं। वह कहते हैं कि बीते 15 दिनों से भर्ती हूं। पानी की समस्या तो हमेशा रहती है लेकिन शुक्रवार से बिल्कुल ही नहीं आ रहा है। अस्पताल परिसर में मारवाड़ी महिला मंच की ओर से अमृत धारा लगायी गई है जहां पर पीने का पानी मिलता है। यहीं से सभी लोग ले जा रहे है।

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किसी भी वार्ड में पानी नहीं, मचा हाहाकार

सुबह 10.45 बजे। पानी की जटिल समस्या को देखते हुए सभी वार्डो का जायजा लिया गया। सुबह 10.45 बजे हड्डी रोग विभाग, सर्जरी, ईएनटी व नेत्र रोग विभाग कहीं भी पानी नहीं था। इसके साथ ही शिशु वार्ड, महिला एवं प्रसूति विभाग, मेडिसीन सहित अन्य वार्डो में भी पानी नहीं था। इसका मुख्य कारण जीएनएम (जनरल नर्स मिडवाइफरी) स्कूल के समीप भी पानी का एक पाइप फट गया है। इस कारण से इन वार्डो में पानी की सप्लाई बंद हो गया है।

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ओपीडी में मरीजों को नहीं मिल रही सभी दवाइयां

11 बजे। ओपीडी में आधे से अधिक दवाइयां खत्म है। दवा काउंटर पर 54 दवाइयों का नाम दर्ज है लेकिन उसमें सिर्फ 22 ही मौजूद है। बाकि दवाइयां मरीजों को बाहर से खरीदनी पड़ रही है।

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कोट :::

भूख नहीं लगने व पेट में गैस की समस्या है। डॉक्टर ने कुल पांच दवा लिखी है पर दो दवा ही मिली। तीन दवाई बाहर से खरीदने के लिए कहा गया।

- मो. साजिद, मुसाबनी।

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डॉक्टर काफी देर से पहुंचते हैं। करीब आधे घंटे इंतजार करना पड़ा। तब डॉक्टर पहुंचे। सिर में चोट आई थी। पांच दवा में से सिर्फ दो दवा ही मिला।

- कुर्बान सिंह, भालूबासा।

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यहां भीड़ अधिक रहती है। इसे देखते हुए मैं सुबह नौ बजे ही आ गई थी लेकिन डॉक्टर काफी देर से पहुंचे। डॉक्टर को दिखाने में तीन घंटे लग गए।

- जयरून निशा, कपाली।

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सभी डॉक्टरों को समय पर आने का आदेश दिया गया है। पानी का फटा हुआ पाइप ठीक करने का निर्देश दिया गया है। जल्द ही ठीक करा लिया जाएगा।

- डॉ. अरूण कुमार, अधीक्षक, एमजीएम।

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