सामाजिक समरसता को समर्पित था बाला साहेब का जीवन
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : संस्कृत भारती के प्रचार प्रमुख श्रीश देव पुजारी ने कहा कि राष्ट्री
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : संस्कृत भारती के प्रचार प्रमुख श्रीश देव पुजारी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय सरसंघचालक बाला साहेब देवरस का पूरा जीवन सामाजिक समरसता को समर्पित था। जब उन्होंने सरसंघचालक का पद संभाला था, तब ¨हदू समाज जाति-पाति, छुआछूत जैसी तमाम कुरीतियों के कारण बिखरा हुआ था। इन कुरीतियों को समाप्त करने और ¨हदू समाज को एक सूत्र में पिरोने के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन होम कर दिया। संघ आज भी इन कुरीतियों को जड़ समाप्त करने में जुटा हुआ है।
श्रीश देव पुजारी सोमवार को सिंहभूम जिला ¨हदी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में बाला साहेब देवरस के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में तुलसी भवन बिष्टुपुर में आयोजित 'सामाजिक समरसता व पूज्य बाला साहब देवरस' विषयक परिचर्चा को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बाला साहेब देवरस सामाजिक समरसता और सेवाकार्यो द्वारा सामाजिक उत्थान के पुरोधा के रूप में जाने जाते हैं। बाल्यकाल से जीवन के अंतिम क्षण तक समाज में फैली कुरीतियों, विषमताओं और अभावों को दूर करने के लिए उन्होंने अनेक योजनाएं बनाई। उन योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए लोकशक्ति का निर्माण किया, समाज का प्रबोधन किया। यही कारण है कि बाला साहेब समरसता के संवाहक माने जाते हैं। अभय कुमार सामंत की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम का संचालन विक्रम सिंह व धन्यवाद ज्ञापन प्रसेनजीत तिवारी ने किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि वी. नटराजन के अलावा गुहा राम, यमुना तिवारी 'व्यथित', अजय कुमार ओझा, लक्ष्मण राय, प्रकाश मेहता, इंदर अग्रवाल, घासीराम, विद्यासागर लाभ, डॉ. नर्मदेश्वर पांडेय, विपिन पांडेय, यदुवीर मिश्रा, दीपक पुरंदरे, मनोज आजिज, रतन जोशी, नवीन पांडेय समेत कई लोग उपस्थित थे।