एमजीएम में सिक्योरिटी घोटाले की जांच करने पहुंचे संयुक्त सचिव, हांफने लगे सुरक्षाकर्मी

एमजीएम अस्पताल में सिक्योरिटी व आउटसोर्स एजेंसी पर घोटाला का आरोप लगने के बाद स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव राजेश पाठक यहां पहुंचे।

By Edited By: Publish:Sun, 30 Sep 2018 02:23 AM (IST) Updated:Sun, 30 Sep 2018 10:41 AM (IST)
एमजीएम में सिक्योरिटी घोटाले की जांच करने पहुंचे संयुक्त सचिव, हांफने लगे सुरक्षाकर्मी
एमजीएम में सिक्योरिटी घोटाले की जांच करने पहुंचे संयुक्त सचिव, हांफने लगे सुरक्षाकर्मी

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सिक्योरिटी व आउटसोर्स एजेंसी पर घोटाला का आरोप लगने के बाद शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव राजेश पाठक यहां पहुंचे। इस दौरान वह अस्पताल में सभी कर्मचारियों को बारी-बारी से बुलाया और उनकी उपस्थिति देखी। इसके बाद वह महिला एवं प्रसूति विभाग, शिशु रोग विभाग, मेडिसीन विभाग का निरीक्षण किया। वार्डो में साफ-सफाई की कमी साफ देखी गई।

स्थिति यह थी कि मरीज के अटेंडर अपने मुंह पर रूमाल रखकर वार्ड में प्रवेश कर रहे थे। इसे देखकर संयुक्त सचिव भड़क गये और अधीक्षक डॉ. एसएन झा को बेहतर साफ-सफाई का निर्देश दिया। निरीक्षण के बाद संयुक्त सचिव ने कहा कि अस्पताल में डॉक्टर व कर्मचारियों की कमी काफी हद तक दूर कर ली गई है। बस जरूरत है बेहतर साफ-सफाई करने की और हॉस्पिटल मैनेजमेंट के कार्यो को दुरुस्त करने की। संयुक्त सचिव ने अस्पताल में संचालित तीनों एजेंसी मेसर्स श्रीराम इंटरप्राइजेज, मेसर्स एडवास बिजनेस व सुरक्षा एजेंसी जीअलर्ट के कागजातों की जाच की। साथ ही उन्होंने सभी एजेंसियों से आउटसोर्स कर्मचारियों की उपस्थिति पंजिका मांगी है। कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन, ईएसआइ और पीएफ भुगतान के बारे में जानकारी ली।

सचिव को देख दौड़ने-भागने लगे सुरक्षाकर्मी

एमजीएम अस्पताल में सुरक्षा की जिम्मा जी अलर्ट एजेंसी पर है। एजेंसी पर आरोप है कि टेंडर के तहत उसे 91 सुरक्षाकर्मी रखना है लेकिन हकीकत में उसके आधे ही है। इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे तक पहुंचने के बाद उसने जिले के उपायुक्त अमित कुमार को जांच का आदेश दिया था। उनके द्वारा जब जांच करायी जा रही थी तो एजेंसी ने रांची, खुटी से युवकों को बुलाकर संख्याबल पूरा दिखा दिया। उपायुक्त ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को भेज दी थी। इसकी सत्यापन के लिए संयुक्त सचिव एमजीएम पहुंचे थे। सुरक्षाकर्मियों को जैसे ही पता चला कि उनकी जांच के लिए टीम आई है उनके हाथ-पांव फूलने लगे। दौड़-भाग शुरू हो गई। एक-दूसरे को जैसे-तैसे संख्याबल पूरा दिखा दिया गया। पर, एक सुरक्षाकर्मी ने बताया कि धांधली बड़े पैमाने पर हो रही है। न तो उनको अपना हक मिल रहा है और न ही संख्याबल पूरा है। इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए। सुरक्षाकर्मियों को उम्मीद है कि सरकार उनकी हक दिला सकेगी।

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