Martyr of Galwan: बलिदानी गणेश हंसदा के परिवार से किया गया वादा सरकार ने नहीं किया पूरा : दिनेश हांसदा

गलबान घाटी में शहीद गणेश हंसदा की स्मृति को ताजा करने के लिए परिवार वालों ने अपने निजी खर्च से 20 लाख खर्च कर झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के बहरागोडा प्रखंड के कसाफलिया गांव में शहीद स्मृति गार्डन का निर्माण करा दिया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Tue, 31 Aug 2021 05:04 PM (IST) Updated:Tue, 31 Aug 2021 05:04 PM (IST)
Martyr of Galwan: बलिदानी गणेश हंसदा के परिवार से किया गया वादा सरकार ने नहीं किया पूरा : दिनेश हांसदा
बहरागोडा प्रखंड के कसाफलिया गांव में शहीद स्मृति गार्डन।

पार्थ सारथी, बहरागोड़ा। गलबान घाटी में चीन से युद्ध करते हुए अपने प्राण न्योछावर करने वाले झारखंड के वीर शहीद गणेश हंसदा की स्मृति को ताजा करने के लिए परिवार वालों ने अपने निजी खर्च से 20 लाख खर्च कर झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के बहरागोडा प्रखंड के कसाफलिया गांव में शहीद स्मृति गार्डन का निर्माण करा दिया है। लेकिन परिवार वालों की नाराजगी इस बात को लेकर है कि शहादत के बाद झारखंड सरकार द्वारा की गई घोषणा अभी तक पूरा नहीं की गयी। बलिदानी गणेश के बड़े भाई दिनेश हांसदा ने कहा कि एक साल होने जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा घोषणा के अनुरूप पेट्रोल पंप, परिवार के एक सदस्य को एक नौकरी एवं मनपसंद पांच एकड़ जमीन नहीं मिली।

यह भी बताया कि शहादत दिवस पर शहीद गणेश हांसदा को श्रद्धांजलि देने पहुंचने पर स्थानीय विधायक समीर मोहंती को कसाफलिया गांव में बिजली की लाचार व्यवस्था में सुधार को लेकर गुहार लगायी गयी थी। विधायक ने बिजली विभाग के पदाधिकारी से दूरभाष पर बात कर 10 दिन के अंदर ट्रांसफॉर्मर देने की बात कही, मगर शहादत दिवस के दो महीने बीत जाने के बाद भी बिजली विभाग की पदाधिकारी की लापरवाही के कारण ट्रांसफार्मर उपलब्ध नहीं हो पाया। गांव के लोगों की आशा थी कि शहीद स्मृति स्थल में शहीद वेदी, शहीद स्मारक, म्यूजियम, बगीचा आदि बन कर तैयार हो। लेकिन बिजली की अनदेखी की वजह से स्मृति गार्डेन की लाइट से साज-सज्जा नहीं हो पायी। बलिदानी गणेश हासंदा के परिजनों के साथ ग्रामीणों को अब भी भरोसा है कि विधायक इसकी सुधि लेंगे एवं बिजली विभाग पर दबाव बनाकर ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराएंगे ताकि स्मारक स्थल रौशन हो सके। शिकायत है कि बलिदानी के परिवार से किया गया राज्य सरकार ने पूरा नहीं किया। भरोसा यह कि सरकार वादे को पूरा देर से ही जरूर करेगी। स्थानीय विधायक सत्ताधारी दल से ही हैं। वे सरकार को वादा याद दिलायेंगे।

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