Jharkhand News: झारखंड सरकार ने किया कोरोना योद्धा को मुआवजा के मामले में हस्तक्षेप, शिक्षक संतोष लकडा की हो गइ थी मौत
Corona warrior compensation. राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने शिक्षा विभाग के सचिव को पत्र लिखा है वहीं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने उपायुक्त को पत्र लिखा है।दोनों मंत्रियों से मृत कोरोना योद्धा की पत्नी ज्ञानी एक्का ने मुलाकात की थी। उसके बाद इस संबंध में पत्र जारी हुए।
जमशेदपुर, जासं। दैनिक जागरण में क्रिश्चियन क्लब अल्पसंख्यक स्कूल के शिक्षक कोरोना योद्धा संतोष लकड़ा को मुआवजा तथा अन्य पावनाओं का भुगतान नहीं मिलने की खबर प्रकाशित होने के बाद अब इस मामले में झारखंड सरकार भी मृतक शिक्षक की पत्नी को सहयोग के लिए खडी हो गइ है।
इस संबंध में जहां एक ओर राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने शिक्षा विभाग के सचिव को पत्र लिखा है, वहीं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने उपायुक्त को पत्र लिखा है। दोनों मंत्रियों से मृत कोरोना योद्धा की पत्नी ज्ञानी एक्का ने मुलाकात की थी। उसके बाद इस संबंध में पत्र जारी हुए। वित्त मंत्री ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि उपायुक्त के आदेशानुसार शिक्षक कोविड-19 काल में चेकपोस्ट में ड्यूटी पर थे। कोरोना संक्रमण से इस शिक्षक की मौत हुई है। इस शिक्षक को अब तक कोई मुआवजा व अन्य पावनाओं का भुगतान नहीं हो पाया है। इस संबंध में नियमसंगत कार्रवाई करते हुए मंत्रालय को सूचित करने का आदेश शिक्षा सचिव को दिया है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने उपायुक्त को इस मामले में एक सप्ताह के अंदर की गई कार्रवाई से अवगत कराने को कहा है।
जारी हो गया वेतन निर्गत करने का आदेश
मालूम हो कि दैनिक जागरण में छह फरवरी को यह खबर प्रकाशित होने के बाद शिक्षा पदाधिकारी से लेकर उपायुक्त कार्यालय तक रेस हो गया है। टीएमएच से भी फाइल मांगी जा रही है। शिक्षा विभाग ने मृत शिक्षक को अस्पताल में भर्ती अवधि का वेतन भी काट दिया था। खबर प्रकाशित होने के बाद एक ही दिन के अंदर विभाग वेतन निर्गत करने का आदेश जारी हो गया। इस शिक्षक का प्रतिनियोजन उपायुक्त के आदेश पर 23 जून 2020 को चेकपोस्ट में किया गया। इस दौरान एक सप्ताह ड्यूटी करने के बाद वे कोरोना संक्रमित हो गए। कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिलने पर जिला प्रशसन ने पहले उन्हें एमजीएम में भर्ती कराया। बाद में शिक्षकों के हंगामे के बाद उन्हें टीएमएच में भर्ती कराया। इलाज के क्रम में उनका निधन 16 जुलाई 2020 को हो गया। तब से लेकर अब तक उन्हें कोई सम्मान भी नहीं मिला तथा अन्य पावनाओं का भुगतान भी नहीं हो पाया।