पूर्वी सिंहभूम जिले में जापानी इंसेफ्लाइटिस का कहर, दो की मौत, दो संदिग्ध मरीज मिले

Japanese encephalitis इस साल पूर्वी सिंहभूम जिले में अभी तक जेई के 12 व डेंगू के आठ मरीज सामने आ चुके हैं। यह बीमारी लगातार बढ़ते जा रही है। ऐसे में लोगों को काफी सावधान होने की जरूरत है। एसीएमओ ने अलर्ट जारी किया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 05:28 PM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 05:28 PM (IST)
पूर्वी सिंहभूम जिले में जापानी इंसेफ्लाइटिस का कहर, दो की मौत, दो संदिग्ध मरीज मिले
पूर्वी सिंहभूम जिले में अभी तक 12 जेई व आठ डेंगू के मरीज मिल चुके हैं।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : कोरोना के बाद पूर्वी सिंहभूम जिले में जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) कहर बरपाने लगा है। जेई से दो और मरीज की मौत हो गई है। इसमें एक मरीज घर में ही दम तोड़ दिया जबकि दूसरा का इलाज टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में चल रहा था। घाटशिला छोटा जमुआ गांव निवासी मरीज का इलाज घर में ही चल रहा था। घर में ही इनका मौत हो गया। वहीं, जादुगोड़ा निवासी 75 वर्षीय मरीज का इलाज टीएमएच में चल रहा था। जिले में अभी तक जेई से कुल तीन व डेंगू से एक मरीज की मौत हो चुकी है।

जेई के दो और संदिग्ध मरीज मिले

जिले में जेई के दो और संदिग्ध मरीज मिले है। इसमें एक मरीज का इलाज टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) व दूसरा बारीडीह स्थित मर्सी अस्पताल में चल रहा है। वहीं, जिला सर्विलांस विभाग ने दोनों का नमूना संग्रह कर जांच के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज भेजा है। उम्मीद है कि रिपोर्ट मंगलवार तक आ जाएगी। जेई मरीजों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। इसके रोकथाम को लेकर बीते सप्ताह ही रांची से स्वास्थ्य सेवाएं के उप-निदेशक डॉ. एसएन झा के नेतृत्व में टीम आई थी। इस दौरान उन्होंने इसके रोकथाम को लेकर कई विशेष दिशा-निर्देश दिया था।

जिले में अभी तक 12 जेई व आठ डेंगू के मरीज मिल चुके हैं

इस साल जिले में अभी तक जेई के 12 व डेंगू के आठ मरीज सामने आ चुके हैं। यह बीमारी लगातार बढ़ते जा रही है। ऐसे में लोगों को काफी सावधान होने की जरूरत है। अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (एसीएमओ) डॉ. साहिर पाल ने कहा कि इसके रोकथाम को लेकर सभी चिकित्सा प्रभारियों को दिर्नेश दिया गया है कि अगर उनके यहां इससे संबंधित लक्षण लेकर कोई मरीज पहुंचता है तो उसकी जांच अवश्य कराई जाएं। ताकि सही समय पर मरीजों की पहचान हो सकें।

ये कहते डाॅक्टर

बरसात के मौसम में मच्छरों की संख्या बढ़ जाती है। इसके कारण मलेरिया, जेई, डेंगू व चिकुनगुनिया के मरीज बढ़ने लगते हैं। ऐसे में जरूरी है कि घरों के सामने पानी का जमाव नहीं होने दे। डेंगू का लार्वा साफ पानी में ही पनपता है। इसके साथ ही छतों पर रखें गए गमला में भी पानी का जमाव नहीं होने दें। साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। लोगों को विशेष रूप से जागरूक होने की जरूरत है।

- डॉ. साहिर पाल, एसीएमओ

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