CGPC Dispute: गुरमुख सिंह मुखे को पटना तख्त के समक्ष 22 सितंबर को हाजिर होने का आदेश

CGPC Dispute जमशेदपुर सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के विवाद में एक नया मोड आ गया है। प्रधान गुरमुख सिंह मुखे को तख्त श्री हरमंदिर पटना साहिब के समक्ष उपस्थित होने का आदेश जारी किया गया है। सुखविंदर व तारा सिंह को भी उपस्थित होने का आदेश मिला है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 04:38 PM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 04:38 PM (IST)
CGPC Dispute: गुरमुख सिंह मुखे को पटना तख्त के समक्ष 22 सितंबर को हाजिर होने का आदेश
सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे की फाइल फोटो।

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। पहला आदेश पत्र लौटने के बाद तख्त श्री हरिमंदिर पटना साहिब के जत्थेदार सिंह साहब ज्ञानी रंजीत सिंह ने सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे के प्रति रुख कड़ा कर लिया है। दूसरी भेजी गई चिट्ठी में गुरमुख सिंह को 22 सितंबर की सुबह 10 बजे पंच प्यारों के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया गया है। पटना साहिब की ओर से भेजे गए पत्र में गुरमुख सिंह को बताया गया है कि झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश सहित पूर्वी भारत के 13 राज्यों के धार्मिक व सामाजिक मुद्दों पर वे फैसले लेने का अधिकार रखते हैं।

साथ ही इतिहास परंपरा का हवाला देते हुए कहा गया है कि जत्थेदार केवल कौम और गुरु के पंथ के प्रति वफादार होते हैं। गुरमुख सिंह को चेताया गया है कि उनका बयान माफी के लायक नहीं है जिसमें उन्होंने कहा था कि महासचिव इंदरजीत सिंह के दबाव में जत्थेदार फैसला ले रहे हैं। इसके साथ ही जत्थेदार ने लिखा है कि क्या किसी व्यक्ति को हक है कि वह किसी पर कातिलाना हमला करवाए, जेल जाए और जमानत पर छूटे और दोबारा पद पर बैठ जाए। उन्होंने गुरमुख सिंह को गलत परंपरा नहीं शुरू करने की हिदायत दी है। साथ ही जमशेदपुर के सभी गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान एवं संगत को आदेश दिया है कि जब तक गुरमुख सिंह पटना में पंच प्यारे के सामने पेश नहीं होता तब तक इनसे दूर रहें।

मुझे पद की लालसा नहीं : मुखे

पूरे मामले में सीजीपीसी के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे का कहना है कि मुझे पद की कोई लालसा नहीं है और मुझे आज तक पटना साहिब का कोई पत्र भी प्राप्त नहीं हुआ है। उम्मीद है कि जल्द ही मुझे पत्र मिले। बकौल मुखे, जिला प्रशासन आज ही चुनाव कराने की अनुमति दे, मैं चुनाव कमेटी बनाकर पद मुक्त हो जाउंगा। मुखे ने आरोप लगाया कि पद पर तो इंदरजीत सिंह सात साल और सरदार शैलेंद्र सिंह दो साल के बजाए नौ साल तक पद से चिपके रहे। उनके मूह से ये बातें शोभा नहीं देती कि मैं पद पर चिपका रहना चाहता हूं। शैलेंद्र सिंह ने संगत के 18 लाख रुपये डकार गए। शैलेंद्र व इंदरजीत सिंह का इतिहास पूरी संगत जानती है।

सुखविंदर व तारा सिंह को भी उपस्थित होने का आदेश

तख्त श्री हरमंदिर पटना साहिब के जत्थेदार ने कदमा गुरुद्वारा के प्रधान सुखविंदर सिंह और सोनारी गुरुद्वारा के प्रधान तारा सिंह को भी एक पत्र जारी किया है। जिसमें उनसे पूछा है कि तख्त के आदेश के बावजूद गुरमुख सिंह मुखे को कैसे मंच प्रदान किया गया। वे बताएं कि उन्हें तनख्वाह क्यों नहीं लगाया जाए। सुखविंदर को 20 सितंबर और तारा सिंह को 25 सितंबर के 11 बजे पांच प्यारों के सामने उपस्थित होकर पक्ष रखने को कहा गया है। जत्थेदार ने पिछले साल ही गुरमुख सिंह के संबंध में आदेश दिया था कि जब तक वह गुरचरण सिंह बिल्ला की हत्या की साजिश रचने का आरोप से बरी नहीं होते है। तब तक मुखे किसी पद पर नहीं रहेगा और किसी धार्मिक मंच से उसे न सम्मानित किया जाएगा ना उसे मंच प्रदान किया जाएगा।

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