पूरी जिंदगी तबाह कर देता मधुमेह, अंधापन से लेकर किडनी फेल होने का खतरा : डॉ. अश्विनी

भागदौड़ की जिंदगी में तेजी से बढ़ रहा मधुमेह पूरी जिंदगी को तबाह कर देता है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Feb 2020 07:00 AM (IST) Updated:Thu, 20 Feb 2020 07:00 AM (IST)
पूरी जिंदगी तबाह कर देता मधुमेह, अंधापन से लेकर किडनी फेल होने का खतरा : डॉ. अश्विनी
पूरी जिंदगी तबाह कर देता मधुमेह, अंधापन से लेकर किडनी फेल होने का खतरा : डॉ. अश्विनी

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : भागदौड़ की जिंदगी में तेजी से बढ़ रही मधुमेह पूरी जिंदगी को तबाह कर देता है। यह शरीर के न सिर्फ एक अंग बल्कि सारे महत्वपूर्ण अंगों को क्षतिग्रस्त करता है। जिससे तमाम बीमारियां घेर लेती है। उक्त बातें बुधवार को ब्रह्मानंद नारायणा अस्पताल के जनरल फिजीशियन डॉ. अश्विनी जायसवाल ने कहीं। वह दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम प्रश्न-प्रहर में उपस्थित होकर लोगों को उनके सवालों का जवाब दे रहे थे। डॉ. अश्विनी जायसवाल ने कहा कि अनियमिता जीवनशैली, शारीरिक श्रम नहीं करना, बढ़ते मोटापा, तनावपूर्ण जिंदगी, सही खानपान नहीं होना व सही समय पर जांच नहीं होने की वजह से मधुमेह रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। उम्र 35 से 45 के बीच सबसे अधिक लोग ग्रस्त हैं। जबकि पहले यह रोग उम्र 50 के बाद सामने आता था। रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने उम्र 35 के बाद मधुमेह की जांच अनिवार्य कर दिया है। वहीं हर गर्भवती की भी मधुमेह की जांच की जाती है। ताकि जन्म लेने वाले उनके बच्चे पर किसी तरह का खतरा नहीं हो। मधुमेह की वजह से अंधापन, ब्रेन स्ट्रोक, हाथ-पैर में सूनापन, हार्ट, किडनी व लीवर को डैमेज कर देता है। इसलिए मधुमेह से बचने की जरूरत है। डॉ. अश्विनी से लोगों की बातचीत का प्रमुख अंश..।

सवाल : मधुमेह रोग से ग्रस्त हूं। साथ ही मोटापा की भी शिकायत है। क्या करें? -रानू घोषाल, मानगो।

जवाब : मोटापा पर नियंत्रण के साथ-साथ मधुमेह को भी नियंत्रित रखना होगा। मोटापा की वजह से फैटी लीवर होने का भी खतरा रहता है।

सवाल : बच्चा दिनभर टीबी देखते रहता है। क्या करें। मनीषा कुमार, सोनारी।

किसी भी व्यक्ति को आधे घंटे से अधिक देर तक बैठकर टीवी नहीं देखना चाहिए। इससे मधुमेह सहित कई गंभीर बीमारियां घेर लेती है। बच्चों को मोबाइल व टीवी से दूर रखें। खेल-कूद जरूरी है। तनाव से भी बच्चे को बचाएं।

सवाल : शाम में टहलने के बाद बुखार आ जाता है। पपायी चक्रवर्ती, कदमा।

यह वायरल फीवर का लक्षण है। पैरासिटामॉल दवा खा सकते है। यदि, ठीक नहीं हो तो किसी फिजिशियन डॉक्टर से संपर्क कर सकते है।

सवाल : फैटी लीवर की पहचान कैसे की जा सकती है। -ममता साहू, कदमा।

किसी अच्छे डॉक्टर से दिखाएं। उनके द्वारा बताए गए जांच जैसे एलएफटी, अल्ट्रासाउंड, लिक्विड प्रोफाइल, ब्लड शुगर, फ्राइबो स्कैन सहित अन्य जांचें करायी जाती है। उसमें बीमारी स्पष्ट हो जाती है।

मधुमेह रोगी हूं। बार-बार गुप्तांग में खुजली होता है। - शंकर कुमार, सोनारी।

मधुमेह नियंत्रित रखना जरूरी है। फंगल इंफेक्शन की वजह से इस तरह की समस्या होती है। किसी चर्म रोग विशेषज्ञ से दिखाएं।

पिछले दो दिन से सर्दी-जुकाम की समस्या है। क्या करें। -मोहित शर्मा, मानगो।

मौसम में बदलाव होने की वजह से सर्दी-जुकाम व वायरल ंफीवर की समस्या होती है। इसके साथ ही कदमा से संध्या देवी, बागबेड़ा से रोहित कुमार, टेल्को से आर्यन, साकची से नवनीत सहित अन्य लोगों ने भी पूछे सवाल।

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लीवर में सूजन से सिरोसिस का खतरा

डॉ. अश्विनी जयसवाल ने बताया कि गैर-एल्कोहल फैटी लिविर रोग के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इसकी अनदेखी आगे चलकर परेशानी का सबब बन सकती है। लिवर में सूजन से सिरोसिस विकसित होने की आशंका होती है। इसे एक साइलेट किलर के रूप में जाना जाता है। जब तक ये बीमारी बढ़ती नहीं है, तब तक इसके लक्षण स्पष्ट रूप से जाहिर नहीं होते। फैटी लीवर के कुछ लक्षण में जैसे एसीडीटी, पाचन शक्ति का कमजोर होना, थकान, पेट की चर्बी सहित अन्य शामिल है।

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फैटी लिवर से बचने के लिए क्या करें?

- फलों, सब्जियों, गोटा अनाज और स्वस्थ वसा से भरपूर वनस्पति आधारित आहार का सेवन करें।

- यदि आप अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं तो हर दिन खाने वाली कैलोरी की संख्या कम करें और अधिक व्यायाम करें।

- यदि आपका वजन ठीक है, तो स्वस्थ आहार का चयन करके और व्यायाम करके इसे बनाए रखने के लिए काम करें।

- हर दिन कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि करने की कोशिश करें।

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