Jharkhand Assembly Election 2019 : मजदूरों के शहर में 24 साल से किसी मजदूर नेता को नहीं मिला विस चुनाव में टिकट Jamshedpur News

Jharkhand Assembly Election 2019 . जमशेदपुर से 2 4 साल से किसी मजदूर नेता को विस चुनाव में टिकट नहीं मिला। कांग्रेस से केपी सिंह को आखिरी बार टिकट दी गई थी।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Wed, 06 Nov 2019 10:59 AM (IST) Updated:Wed, 06 Nov 2019 10:59 AM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019 :  मजदूरों के शहर में 24 साल से किसी मजदूर नेता को नहीं मिला विस चुनाव में टिकट Jamshedpur News
Jharkhand Assembly Election 2019 : मजदूरों के शहर में 24 साल से किसी मजदूर नेता को नहीं मिला विस चुनाव में टिकट Jamshedpur News

जमशेदपुर, न‍िर्मल प्रसाद।  Jharkhand Assembly Election 2019 जमशेदपुर की पहचान औद्योगिक नगरी के रूप में है। यहां टाटा समूह और उनकी अनुषंगी इकाइयों में कार्यरत मजदूर अपने परिवार के साथ बड़ी संख्या में रहते हैं लेकिन वर्ष 1995 में जमशेदपुर पूर्वी से इंडियन नेशनल कांग्रेस से केपी सिंह के बाद किसी मजदूर नेता को टिकट नहीं मिला है। केपी सिंह (25,779 मत) 1101 मतों से रघुवर दास (26,880 मत) से चुनाव हार गए थे। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने किसी मजदूर नेता पर भरोसा नहीं जताया। हालांकि कांग्रेस की टिकट पर ही 1984 में टेल्को यूनियन के पूर्व महामंत्री गोपेश्वर संसद जा चुके हैं।

वहीं, सीपीआई से वर्ष 1967 में जमशेदपुर पूर्वी से केदार दास व पश्चिम से सुशील मुखर्जी और वर्ष 1972 में फिर से केदार दास के अलावे पश्चिम से रामावतार सिंह ने जीत हासिल की थी। इसे देखते हुए इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) से दो राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने अपनी दावेदारी पेश की है। इनमें जमशेदपुर पूर्वी से राकेश्वर पांडेय तो पश्चिम से रघुनाथ पांडेय हैं। राकेश्वर जहां टाटा समूह की अधिकतर कंपनियों में संचालित यूनियनों, क्लब एंड रेस्टोरेंट के अध्यक्ष हैं तो रघुनाथ पांडेय जुस्को श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष सहित असंगठित कांग्रेस कामगार यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष हैं।

ये कहते दावेदार 

जमशेदपुर मजदूरों की नगरी है। मैंने टाटा वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष रहते हुए 4500 नई नौकरियां दिलाई। पूर्व व वर्तमान कर्मचारियों के लिए कैंसर रेस्ट हाउस, क्लब हाउस, दार्शनिक स्थलों पर गेस्ट हाउस सहित टीएमएच में कई सुविधाएं शुरू कराई। इसलिए मजदूरों की इस नगरी में पार्टी को हम पर भी भरोसा करना चाहिए।

-रघुनाथ पांडेय, जमशेदपुर पश्चिम से कांग्रेस की सीट से दावेदार

इंटक नेताओं की अनदेखी करने के बाद कांग्रेस को भी अच्छे परिणाम नहीं मिले हैं। मजदूरों का यह राजनीतिक हक है कि उन्हें भी चुनाव लडऩे का मौका मिले। तभी विधानसभा में मजदूरों की बात को तार्किक ढ़ंग से उठाया जा सकता है।

-राकेश्वर पांडेय, जमशेदपुर पूर्वी से कांग्रेस की सीट से दावेदार

कब-कब कौन-कौन जीते वर्ष जमशेदपुर पूर्वी -  जमशेदपुर पश्चिम वर्ष 1969 केदार दास (सीपीआई) - सुशील मुखर्जी (सीपीआई) वर्ष 1972 कदार दास (सीपीआई) - रामावतार सिंह (सीपीआई) वर्ष 1977 दीनानाथ पांडेय (भाजपा) - मो. अयुब खान (जेएनपी) वर्ष 1980 दीनानाथ पांडेय (भाजपा) - मो. शम्सुउद्दीन खान (कांग्रेस आई) वर्ष 1985 डी नरीमन (कांग्रेस) - मृगेंद्र प्रताप सिंह (भाजपा) वर्ष 1990 दीनानाथ पांडेय (भाजपा) - डॉ. हसन रिजवी (झामुमो) वर्ष 1995 रघुवर दास - मृगेंद्र प्रताप सिंह (भाजपा) 

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