बर्ड और स्वाइन फ्लू को लेकर हाई अलर्ट,बनी जूनोटिन सर्विलांस कमेटी

bird flu. जूनोटिन सर्विलांस कमेटी का उद्देश्य पशुजनित बीमारियों पर रोक लगाना है। बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू पशुजनित बीमारी ही हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sun, 17 Feb 2019 02:56 PM (IST) Updated:Sun, 17 Feb 2019 09:53 PM (IST)
बर्ड और स्वाइन फ्लू को लेकर हाई अलर्ट,बनी जूनोटिन सर्विलांस कमेटी
बर्ड और स्वाइन फ्लू को लेकर हाई अलर्ट,बनी जूनोटिन सर्विलांस कमेटी

जमशेदपुर, जेएनएन। बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू को लेकर जमशेदपुर शहर हाई अलर्ट पर है। शनिवार को इसे लेकर जिला स्तरीय जूनोटिन सर्विलांस कमेटी गठित की गई है, जिसके चेयरमैन जिले के उपायुक्त अमित कुमार होंगे। वहीं सिविल सर्जन, जिला वेटेनरी पदाधिकारी, ड्रग इंस्पेक्टर, मलेरिया पदाधिकारी, सहायक सीएमओ, वन पदाधिकारी, जिला सर्विलांस पदाधिकारी व महामारी वैज्ञानिक को टीम का सदस्य बनाया गया है। 

जूनोटिन सर्विलांस कमेटी का उद्देश्य पशुजनित बीमारियों पर रोक लगाना है। बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू पशुजनित बीमारी ही हैं। डीसी की अध्यक्षता में गठित टीम पूर्वी सिंहभूम जिले के हर इलाके पर नजर रखेगी। कहीं भी बर्ड फ्लू व स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मरीज मिले या फिर उस क्षेत्र में बीमारी की पुष्टि होने से यह टीम उससे निपटने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। पूर्वी सिंहभूम जिले में बर्ड फ्लू व स्वाइन फ्लू के अबतक एक भी मरीज सामने नहीं आए हैं। स्वाइन फ्लू के दस संदिग्ध मरीजों का नमूना लेकर जांच के लिए भेजा गया था लेकिन रिपोर्ट में एक भी मरीज में बीमारी की पुष्टि नहीं हुई है।

सभी अस्पतालों में भेजी गई दवा

देशभर में स्वाइन फ्लू व बर्ड फ्लू के बढ़ते मामले को देखते हुए जिला सर्विलांस विभाग ने दवा मांगा ली है। रांची से 500 कैप्सूल आई है। विभाग ने शहर के सभी बड़े अस्पतालों में दवा उपलब्ध करा दी है। जिला सर्विलांस पदाधिकारी डॉ. साहिर पॉल ने बताया कि सभी अस्पतालों को सख्त निर्देश दिया गया है कि अगर कोई भी संदिग्ध मरीज मिले तो उसकी सूचना तत्काल विभाग को दें। 

ये रहे बचाव के उपाय

हाई प्रोटीन खानपान जैसे दही, पनीर, दाल, सोयाबीन, अंडा, व मीट खाएं। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।प्राणायाम से फेफड़ों में ज्यादा आक्सीजन पहुंचने से निमोनिया का खतरा कम होगा।गिलोय, तुलसी, सोंठ का काढ़ा पिएं। यह संक्रमण से बचाएगा।छींकने वाले से दूर रहें। किसी टेबल, दरवाजे, हैंडल या ठोस वस्तु को न छुएं।एच1एन1 वायरस हवा में देर तक जिंदा रहता है। दिन में कई बार हाथ धोएं।

मरीजों की तीन श्रेणी 

मरीजों को तीन श्रेणी में रखा है। सिर्फ सी कटेगरी के मरीजों को ही जांच कराने की जरूरत है।

कटेगरी-ए

हल्का बुखार, कफ, गले में खराश, बदन दर्द, डायरिया वाले मरीजों की जांच जरूरी नहीं होगी। इन मरीजों को भीड़ में जाने के बजाय पर घर पर रखना है। इन मरीजों का 24 से 48 घंटे में फिर से जांच होगी।

कटेगरी-बी

उक्त लक्षणों के साथ तेज बुखार और गले में भारी खराश हो तो घर में ही टेमीफ्लू देना चाहिए। किंतु स्वाइन फ्लू की जांच जरूरी नहीं है। कम्युनिट एक्वायर्ड निमोनिया की गाइडलाइन के मुताबिक ब्राड स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक दी जा सकती है।

कटेगरी-सी

उक्त सभी लक्षणों के साथ ही सांस फूलने, सीने में दर्द, निद्रा, रक्तचाप गिरने, खून के साथ बलगम और नाखून नीले पड़ें तो तत्काल जांच कराना चाहिए।

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