आइएपी झारखंड ब्रांच की हुई घोषणा, देवघर के डॉ. रमन अध्यक्ष व धनबाद के डॉ. अविनाश बने सचिव

इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक (आइएपी) एसोसिएशन जमशेदपुर शाखा की ओर से आयोजित तीन दिवसीय कांफ्रेंस का समापन रविवार को हुआ। अंतिम दिन आइएपी झारखंड ब्रांच की घोषणा की गई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 05:55 AM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 05:55 AM (IST)
आइएपी झारखंड ब्रांच की हुई घोषणा, देवघर के डॉ. रमन अध्यक्ष व धनबाद के डॉ. अविनाश बने सचिव
आइएपी झारखंड ब्रांच की हुई घोषणा, देवघर के डॉ. रमन अध्यक्ष व धनबाद के डॉ. अविनाश बने सचिव

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक (आइएपी) एसोसिएशन जमशेदपुर शाखा की ओर से आयोजित तीन दिवसीय कांफ्रेंस का समापन रविवार को हुआ। अंतिम दिन आइएपी झारखंड ब्रांच की घोषणा की गई। इसमें अध्यक्ष डॉ. रमन कुमार (देवघर) व सचिव डॉ. अविनाश कुमार (धनबाद), संयुक्त सचिव डॉ. मिथलेश कुमार (जमशेदपुर), साइंटिफिक कमेटी के सदस्य टाटा मोटर्स अस्पताल के डॉ. राजीव शरण व कार्यकारिणी समिति के सदस्य डॉ. मिटू अखौरी सिन्हा को बनाया गया। ये जल्द ही अपने नई टीम की घोषणा करेंगे। वहीं, अगला कांफ्रेंस वर्ष 2022 में देवघर में कराने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही देशभर से आए कुल 30 से अधिक चिकित्सकों ने पेपर प्रस्तुत किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोलकाता से आए डॉ. गौतम घोष ने कहा कि कोरोना से हमें काफी कुछ सीखने को मिला है। अब इसे आगे भी बरकरार रखना है। उन्होंने कहा कि पहले बच्चों को हाथ धोने के लिए कहा जाता था लेकिन अब बच्चों में हाथ धोने की आदत पड़ गई है। इसका फायदा भी दिख रहा है। बच्चों में सर्दी-खांसी व पेट संबंधित बीमारियों में कमी आई है। कांफ्रेंस में ईस्ट जोन के असम, मेघालय, त्रिपुरा, नगालैंड, उड़ीसा, बिहार, झारखंड के करीब 400 विशेषज्ञ शामिल हुए थे। इस अवसर पर इस अवसर पर ईस्ट जोन के वर्तमान अध्यक्ष डॉ. अरूप राय, आयोजन समिति के चेयरमैन डॉ. केके चौधरी, आइएपी के अध्यक्ष डॉ. मिटू अखौरी सिन्हा, सचिव डॉ. मिथलेश कुमार, डॉ. आरके अग्रवाल, डॉ. जॉय भादुड़ी, डॉ. सुधीर मिश्रा, डॉ सितेश दास, डॉ. अभिषेक मुंडू, डॉ. गौरव दत्ता, डॉ. प्रीति श्रीवास्तव, डॉ. शुभोजित बनर्जी सहित अन्य उपस्थित थे।

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टीका से दूर होगा बच्चेदानी का कैंसर टीएमएच के डॉ. सुधीर मिश्रा ने कहा कि महिलाओं में बढ़ रहे बच्चेदानी के मुंह के कैंसर चिता का विषय है। इसके प्रति महिलाओं को जागरूक होने की जरूरत है। इसका टीका बाजार में उपलब्ध है, जिसे लेने के बाद 90 प्रतिशत कैंसर नहीं होने की

संभावना रहती है। ऐसे में 9 से 15 साल की लड़कियों को एचपीवी (ह्यूमन पेपिलोमा वायरस) का टीका लेनी चाहिए। भारत में हर साल 1.5 लाख महिलाओं में यह कैंसर होता है। इसमें एक लाख महिलाओं की मौत हो जाती है।

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