यात्री गाडिय़ों को रोककर पास कराई जा रहीं मालगाडिय़ां
चक्रधरपुर रेल मंडल में रेलवे बोर्ड का आदेश है कि यात्री ट्रेनों को रोककर पहले कोयला लदी मालगाड़ी को भेजा जाए। इससे यात्री ट्रेनें घंटो लेट से चलती
जमशेदपुर ( जागरण संवाददाता)। चक्रधरपुर मंडल में प्रतिवर्ष करीब नौ से दस हजार करोड़ राजस्व मालगाड़ी से रेलवे को प्राप्त हो रहा है। जबकि यात्री ट्रेन से प्रतिवर्ष 700 से 800 करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति रेलवे को हो रही है। ऐसे में ज्यादा राजस्व रेलवे को मालगाडिय़ों के परिचालन से मिलता है। जिसके कारण अगर यात्री ट्रेन के रास्ते में मालगाड़ी आती है तो यात्री ट्रेन को रोककर पहले मालगाड़ी को पास कराया जाता है ताकि मालगाड़ी अपने गंतव्य स्थान तक समय पर पहुंच सके।
एक बार जो ट्रेन हुई लेट उसे किया जाता है बार बार लेट
एक बार जिस यात्री ट्रेन लेट हो जाती है वैसे ट्रेन को बार बार रोक कर दूसरी यात्री ट्रेन व मालगाडिय़ों को पास कराया जाता है ताकि समय पर चलने वाली यात्री ट्रेन को समय पर गतंव्य तक पहुंचाया जा सके। बार- बार यात्री ट्रेन को रोकने के कारण यात्री ट्रेन अपने निर्धारित समय से चार से पांच घंटे विलंब से पहुंच रही है, जिससे यात्रियों की परेशानी बढ़ रही है।
यात्री ट्रेन से पहले जाती है कोयला लदी मालगाड़ी
मेंस कांग्रेस के महासचिव एसआर मिश्रा ने बताया कि हैं।चक्रधरपुर रेल मंडल में रेलवे बोर्ड का आदेश है कि यात्री ट्रेनों को रोककर पहले कोयला लदी मालगाड़ी को भेजा जाए। इससे साफ जाहिर होता है कि मंडल में यात्री ट्रेनों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही। यात्री ट्रेनें घंटो लेट से चलती
47 प्रतिशत रेल यात्रियों को मिलती है सब्सिडी
ट्रेन में सफर करने वाले रेल यात्रियों को उनके टिकट पर 47 प्रतिशत की सब्सिडी रेलवे द्वारा दी जाती है, जिससे रेलवे को यात्री ट्रेन के परिचालन से नुकसान होता है। जिसके बावजूद रेलवे यात्री सुविधा को लेकर प्रयासरत रहती है लेकिन ट्रेन के सही समय से परिचालन को लेकर वह मौन धारण कर लेती है।
कौन ट्रेन कितने घंटे विलंब से पहुंची टाटानगर
जम्मूतवी-टाटा एक्सप्रेस : 8.30 घंटे
अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस : 8.30 घंटे
छपरा-टाटा एक्सप्रेस : दो घंटे
सीएसएमटी-हावड़ा गीतांजलि एक्सप्रेस : 6 घंटे
साउथ बिहार एक्सप्रेस : 2.40 घंटे
नीलाचल एक्सप्रेस : 6 घंटे
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