बाजारों में पसरा रहा सन्नाटा, टीवी से चिपके रहे दुकानदार

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से शहर के बाजारों में श्

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Aug 2018 01:37 AM (IST) Updated:Sat, 18 Aug 2018 01:37 AM (IST)
बाजारों में पसरा रहा सन्नाटा, टीवी से चिपके रहे दुकानदार
बाजारों में पसरा रहा सन्नाटा, टीवी से चिपके रहे दुकानदार

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से शहर के बाजारों में शुक्रवार को सन्नाटा पसरा रहा। हालांकि बंद रखने की घोषणा के बावजूद साकची बाजार में ज्यादातर दुकानें खुली तो रहीं लेकिन ग्राहक काफी कम दिखे। दुकानदार ग्राहकों का इंतजार करते रहे। बिष्टुपुर में मेन रोड की दुकानें करीब-करीब बंद थीं, जबकि बाजार के अंदर की अधिकांश दुकानें खुली थी। ग्राहकों की आवाजाही नहीं होने के कारण दुकानदार भी अपनी अपनी दुकानों में बैठकर ग्राहकों का इंतजार कर रहे थे। मानगो बाजार की कुछ दुकानें बंद रही तो कुछ खुली हुई थी। इसी तरह परसुडीह, बागबेड़ा सोनारी, कदमा बाजार का भी यही हाल था। सड़कें सूनसान रहीं। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी कम रही। बाजार में सन्नाटा पसरा होने के कारण राखी बाजार भी प्रभावित हुआ।

दुकानदार देख रहे थे टीवी : जिन दुकानदारों ने अपनी दुकानें खोल रखी थीं, ग्राहकों के अभाव में दुकान में ही टीवी देख रहे थे। टीवी पर वाजपेयी जी के अंतिम संस्कार और उन्हें दी जाने वाली श्रद्धांजलि का प्रसारण किया जा रहा था।

बंद रही परसुडीह व मंडी की दुकाने : परसुडीह के दुकानदारों ने शुक्रवार को अपनी दुकानों को बंद रखा। इसके अलावा परसुडीह मंडी के व्यापारियों ने भी दुकानों को बंद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

दुकानदारों ने दी श्रद्धांजलि : बिष्टुपुर स्थित जवाहर मार्केट के दुकानदारों ने शोकसभा की। मौके पर सतिंद्रपाल सिंह बंटी ने कहा कि सिर्फ एक राजनेता ही नहीं, वरन देश ने एक चमकता सितारा खो दिया। सभी ने दो मिनट का मौन रखा। मो. नवाब, काजिम, आरिफ, राजेंद्र, पंकज, इसराइल, असगर, शिवाजी, इमरान, मोहन, विष्णु सहित कई दुकानदार मौजूद थे। -------------

मुख्यालय में बंद, आदेश के इंतजार में कहीं खुले रहे बैंक

जासं, जमशेदपुर : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शोक में छुट्टी को लेकर बैंकों में भारी गफलत देखने को मिली। राष्ट्रीय शोक की घोषणा को आदेश मानकर कुछ बैंक खुले ही नहीं, जबकि कुछ दोपहर बाद बंद कर दिए गए। अधिकांश बैंक मुख्यालय से आदेश नहीं मिलने से पूरे दिन खुले रहे। झारखंड प्रदेश बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन के महासचिव हीरा अरकने ने बताया कि वह मुख्यालय में इस बात की शिकायत करने वाले हैं। जब सूचनातंत्र इतना आसान हो गया है, तब सभी बैंकों को बंद करने की सूचना क्यों नहीं दी गई। उन्हें पता चला कि मुख्यालय ही बंद था, जिससे कर्मचारी व अधिकारी दफ्तर गए ही नहीं। यहां हम मुख्यालय के आदेश का इंतजार करते हुए ड्यूटी करते रहे। शोक सभा भी नहीं हुई। भारतीय स्टेट बैंक के सहायक महाप्रबंधक आशुतोष कुमार ने बताया कि दोपहर करीब दो बजे पटना मुख्यालय से बंद करने का आदेश मिला। इसके बाद उन्होंने इस सूचना को दूसरी शाखाओं में अग्रसारित किया, लिहाजा दोपहर बाद शाखाएं बंद हुई। हालांकि बंद करते-करते काफी विलंब हो गया, जिससे कामकाज होता रहा। उधर, सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के अधिकांश बैंक मुख्यालय का आदेश नहीं मिलने की वजह से खुले रहे। इसे लेकर ग्राहकों में उहापोह की स्थिति रही। लोग भी हैरान थे कि जब सभी सरकारी कार्यालय बंद हैं, राष्ट्रीय स्तर पर शुक्रवार को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है तो बैंक कैसे खुले हैं।

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