पिगमेंट में राकेश्वर की हार के बाद टीडब्ल्लूयू के खिलाफ मोर्चा खोला

टाटा समूह की कंपनी टाटा पिगमेंट की मान्यताप्राप्त यूनियन पिगमेंट वर्कर्स यूनियन के

By JagranEdited By: Publish:Wed, 07 Jun 2017 01:34 AM (IST) Updated:Wed, 07 Jun 2017 01:34 AM (IST)
पिगमेंट में राकेश्वर की हार के बाद टीडब्ल्लूयू के खिलाफ मोर्चा खोला
पिगमेंट में राकेश्वर की हार के बाद टीडब्ल्लूयू के खिलाफ मोर्चा खोला

जमशेदपुर : टाटा समूह की कंपनी टाटा पिगमेंट की मान्यताप्राप्त यूनियन पिगमेंट वर्कर्स यूनियन के हालिया चुनाव में इंटक के राष्ट्रीय सचिव व शहर में दर्जनों यूनियनों के धाकड़ नेता राकेश्वर पांडेय की करारी हार के बाद शहर में इंटक से जुड़ी यूनियनों में वर्चस्व की लड़ाई को नया आयाम मिलता दिख रहा है। राकेश्वर समर्थक कई यूनियनों के नेताओं ने मंगलवार को गोलमुरी यूनियन के सभागार में बैठक कर टाटा वर्कर्स यूनियन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बताते चलें कि गत सप्ताह इस यूनियन के चुनाव में 15 वर्षो से ज्यादा समय से अध्यक्ष रहे राकेश्वर पांडेय को बाहर का रास्ता दिखाते हुए नवनिर्वाचित कमेटी मेंबरों ने टाटा वर्कर्स यूनियन के उपाध्यक्ष अरविंद पांडेय को अध्यक्ष चुन लिया था। राकेश्वर को एक भी कमेटी मेंबर का समर्थन नहीं मिला था।

इसी बीच मंगलवार को राकेश्वर समर्थकों की उक्त बैठक में वक्ताओं के निशाने पर टाटा वर्कर्स यूनियन के नेता रहे। वक्ताओं का कहना था कि पिगमेंट यूनियन में बाहरी हस्तक्षेप से गलत परंपरा की शुरुआत की गई है। टाटा वर्कर्स यूनियन पर हमला बोलने के क्रम में राकेश्वर कैंप यहीं नहीं रुका। एक तरह से आरोपों का पुलिंदा ही खोल दिया। वक्ताओं ने कहा कि टाटा वर्कर्स यूनियन की वजह से ही टाटा स्टील में एनएस ग्रेड, प्राइवेट सिक्युरिटी की बहाली, स्थायी प्रवृत्ति के कार्यो को ठेका मजदूरों से कराने जैसी गलत परंपरा की शुरुआत हुई है। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि टाटा वर्कर्स यूनियन के नेता कर्मचारियों के हित में काम कम करने की बजाय अपने स्वार्थों को पूरा करने पर ज्यादा ध्यान देते हैं। बैठक में टाटा वर्कर्स यूनियन के खिलाफ आवाज बुलंद करने का निर्णय लिया गया।

गोलमुरी स्थित टिनप्लेट यूनियन के सभागार में हुई बैठक में काशीनाथ, सुदामा तिवारी, मनोज सिंह, महेंद्र सिंह, दलजीत सिंह, वाईवी डोरा, सतनाम सिंह, रमेश राव, मुन्ना खान, एस. काली राव, पीएन सिंह, संजय कुमार, गुरदीप सिंह, वीणा कुमारी, संजय सिंह, कृष्णा मुखी, इंद्रजीत सिंह, भुपेंद्र सिंह, पी. विश्वास, जगजीत सिंह, जितेंद्र सिंह, जीत सिंह, राजकुमार सिंह, वकील खान, सुबोध कुमार, एनके ओझा, डीवी राजू, एसके दास, जयशंकर, रविशंकर, अवधेश प्रसाद, अजय खान व सुनील पांडेय आदि उपस्थित थे। इनमें से अधिकांश लोग वैसी यूनियनों से जुड़े हैं जिनका नेतृत्व राकेश्वर पांडेय के हाथों में है।

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