बार-बार पेशाब आना यूटीआई का लक्षण, प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अधिक खतरा

health Tips गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण उसका काफी भार मूत्राशय पर पड़ता है जिससे मूत्राशय से पेशाब बाहर निकलने का रास्ता अवरुध्द होने लगता है। इससे इंफेक्शन होने का खतरा होता है। ये रही पूरी जानकारी।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sun, 08 Aug 2021 05:25 PM (IST) Updated:Sun, 08 Aug 2021 07:06 PM (IST)
बार-बार पेशाब आना यूटीआई का लक्षण, प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अधिक खतरा
भागदौड़ की जिंदगी में यूटीआई का एक कारण कब्ज भी है।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण उसका काफी भार मूत्राशय पर पड़ता है, जिससे मूत्राशय से पेशाब बाहर निकलने का रास्ता अवरुध्द होने लगता है। इससे इंफेक्शन होने का खतरा होता है। यह कहना है चिकित्सा विशेषज्ञों का।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) जमशेदपुर शाखा की ओर से अब हर शनिवार को विभिन्न विषयों पर ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। इसी के तहत यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) पर आयोजित ऑनलाइन सेमिनार में मुख्य वक्ता के तौर पर ब्रह्मानंद अस्पताल के डॉ. चंपाई सोरेन मौजूद थे। वहीं, डॉ. हरप्रीत सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। इस दौरान महिलाओं में यूटीआई का खतरा काफी बढ़ जाता है। गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण उसका काफी भार मूत्राशय पर पड़ता है, जिससे मूत्राशय से पेशाब बाहर निकलने का रास्ता अवरुध्द होने लगता है। इससे इंफेक्शन होने का खतरा होता है। गर्भवती महिलाओं में यूटीआई की समस्या होने पर बच्चा खराब होने का खतरा अधिक रहता है। इसके साथ ही, बच्चा का वजन कम होने के साथ-साथ समय से पूर्व भी प्रसव हो जाता है। जिससे जच्चा-बच्चा दोनों को खतरा रहता है।

एक कारण कब्ज भी

उन्होंने यह भी कहा कि भागदौड़ की जिंदगी में यूटीआई का एक कारण कब्ज भी है। हाल के दिनों में देखा जा रहा है कि जिसे कब्ज की समस्या है वैसे लोगों में यूटीआई के अधिक मामले सामने आ रहे हैं, जो चिंता का विषय है। यूटीआई के लक्षण में पेशाब करते समय दर्द या जलन महसूस होना, झागदार पेशाब आना, कमर दर्द, बार-बार पेशाब आना, पेशाब करने की इच्छा होना, बुखार सहित अन्य शामिल हैं। इस अवसर पर आइएमए के अध्यक्ष डॉ. उमेश खां, सचिव डॉ. मृत्युंजय सिंह, डॉ. बीआर मास्टर, डॉ. जीसी माझी, डॉ. वनिता सहाय, डॉ. शरद कुमार, डॉ. संतोष गुप्ता सहित अन्य उपस्थित थे।

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