Jharkhand के चांडिल में गिरा दहकता लोहे का पिंड, उल्का पिंड गिरने की अफवाह
चांडिल में बुधवार की दोपहर करीब ढाई बजे दहकता हुआ लोहे जैसा पिंड गिरा जिससे वहां अफरातफरी मच गई। कोई इसे दैवीय चमत्कार बता रहा है तो कोई उल्का पिंड। यह इतनी तेजी से जमीन पर आया था कि गिरते ही धंस गया।
जमशेदपुर, जासं। झारखंड के जमशेदपुर स्थित पूर्वी सिंहभूम जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर सरायकेला-खरसावां जिला स्थित चांडिल में बुधवार की दोपहर करीब ढाई बजे दहकता हुआ लोहे जैसा पिंड गिरा, जिससे वहां अफरातफरी मच गई। कोई इसे दैवीय चमत्कार बता रहा है तो कोई उल्का पिंड। यह इतनी तेजी से जमीन पर आया था कि गिरते ही धंस गया।
चांडिल थाना क्षेत्र में इस गिरते हुए पिंड को देखने वाले देखते ही देखते जुट गए। पिंड लाल लोहे जैसा था। उससे इतनी गर्मी निकल रही थी कि कोई नजदीक नहीं जा पा रहा था। इसके बाद जैसे-जैसे वह पिंड ठंडा होने लगा, उसका रंग भी बदलने लगा। लाल और भूरे रंग से इसका रंग गाढ़ा हरा और फिर हल्का हरा हो गया। किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि यह कहां से आया और कैसे गिरा। करीब एक घंटे बाद जब यह ठंडा हुआ तो इसका वजन किया गया। यह पिंड 3.34 किलोग्राम का निकला।
प्रशासन को खबर नहीं
इस घटना के बाद वहां भीड़ लग रही है, लेकिन प्रशासन को अभी इसकी खबर नहीं मिली है। प्रत्यक्षदर्शी चांडिल निवासी सूरज सिंह ने बताया कि उन्होंने जब इसे गिरते देखा तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि यह आसमान से कैसे टपका। हालांकि भीड़ की सूचना पाकर वहां चांडिल थाना की पुलिस पहुंच गई है, लेकिन अनुमंडल अधिकारी रंजीत लोहरा ने बताया कि उन्हें अभी इसके बारे में विशेष जानकारी नहीं है। जांच के बाद ही बताया जा सकेगा कि यह क्या है, कहां से गिरा। घटनास्थल पर काफी भीड़ जुट गई है, जिससे पुलिस को वहां काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ज्ञात हो कि कई वर्ष पहले पुरुलिया में भी इसी तरह खेत में हथियार गिरे थे। मजे की बात है कि उल्का पिंड जब गिरा तो ऊपर से कोई जहाज भी नहीं गुजर रहा था। यदि कोई जहाज से इसे गिराएगा भी, तो दहकता हुआ पिंड कैसे गिरेगा। किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा है। इसे लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं।