Jharkhand Technology NML अभियांत्रिक घटकों के विफल होने का विश्लेषण जरूरी Jamshedpur News

एनएमएल में मेटलर्जिकल फेल्योर ऑफ इंजीनियरिंग कंपोनेंट्स डायग्नोसिस एंड रेमेडी एफईसी 2020 पर प्रोफेशन ट्रेनिंग कार्यशाला शुरू।

By Vikas SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 21 Jan 2020 08:43 PM (IST) Updated:Tue, 21 Jan 2020 08:43 PM (IST)
Jharkhand Technology NML  अभियांत्रिक घटकों के विफल होने का विश्लेषण जरूरी Jamshedpur News
Jharkhand Technology NML अभियांत्रिक घटकों के विफल होने का विश्लेषण जरूरी Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। अभियांत्रिकी (इंजीनियरिंग) घटकों के विफल होने का कारण जानना जरूरी है। फेल्योर मैकेनिज्म को समझने में केमिस्ट्री और मैकेनिकल की बेसिक जानकारी मददगार हो सकती है।

यह कहना था राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल) जमशेदपुर के कार्यवाहक निदेशक डॉ. सौमित्र तरफदार का। मंगलवार को वे मेटलर्जिकल फेल्योर ऑफ इंजीनियरिंग कंपोनेंट्स : डायग्नोसिस एंड रेमेडी (एमएफइसी) विषयक प्रोफेशनल ट्रेनिंग कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में संबोधित कर रहे थे। सीएसआइआर-एनएमएल के लेक्चर हॉल में मंगलवार को इस चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई। डॉ. तरफदार ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह उनके लिए बेहतर अवसर है कि वे वैज्ञानिकों के साथ संवाद करें और भविष्य में रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए मिलकर काम करें। 

इस अवसर पर सीएसआइआर के रिसर्च प्लानिंग एंड बिजनेस डेवलपमेंट (आरपीबीडी) हेड डॉ. मीता तरफदार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे केवल जानकारी में ही बढ़ोत्तरी नहीं होगी बल्कि रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रयोगशाला, उद्योग व अकादमिक संस्थानों के बीच यह एक उपयोगी कड़ी भी साबित होगी। उन्होंने समाज व उद्योगों के लिए उपयोगी एनएमएल के विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी दी। 

मैटीरियल इंजीनियरिंग विभाग (एमटीई) के प्रधान वैज्ञानिक व इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. मैनक घोष ने चार दिन तक चलने वाले प्रशिक्षण के विभिन्न सत्रों के बारे में बताते हुए कहा कि इसके तहत कई लेक्चर व व्यावहारिक जानकारी देने के अलावा प्रयोगशालाओं का भ्रमण भी कराया जाएगा। उद्घाटन समारोह के अंत में सभी प्रतिभागियों का परिचय कराया गया। 

इन संस्थानों के प्रतिनिधि ले रहे भाग

टाटा स्टील, सिद्धार्थ स्पेक्ट्रो नई दिल्ली, इंडियन ऑयल कारपोरेशन पानीपत, बीपीसीएल कोचि। 

24 को होगा समापन

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन आगामी 24 जनवरी को किया जाएगा। उस दिन सभी प्रतिभागी अपने अनुभव साझा करेंगे और प्रेजेंटेशन देंगे। 

इन बातों पर रहेगा जोर

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान उन कारणों की तलाश की जाएगी जिसके चलते डिफेक्टिव मैटीरियल, इनएप्रोप्रिएट ऑपरेशन, फॉल्टी डिजाइन, नेचुरल एजिंग आदि होते हैं। इनके चलते प्लांट में शटडाउन, वित्तीय नुकसान के अलावा कई बार दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं। पोस्ट फेल्योर इनीशिएटिव के तहत घटकों के रिमूविंग, रिपेयरिंग एंड री फिटिंग को लेकर भी इस दौरान विचार-विमर्श किया जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार मेटलर्जिकल फेल्योर का विश्लेषण अभियांत्रिक घटकों के स्वस्थ, नुकसानरहित, सहज कार्य के लिए जरूरी है। 

पहले दिन चले तकनीकी सत्र 

फिजिकल मेटलर्जी ऑफ इंजीनियरिंग एलॉयज एंड मैटीरियल्स : एन इंट्रोडक्शन (डॉ. जी दास)।

टूल्स एंड टेक्निक्स इन फेल्योर इन्वेस्टिगेशन (डॉ. बी रविकुमार)

मेटलर्जिकल फेल्योर एनालिसिस : एन ओवरव्यू (डॉ. एस शिवप्रसाद)

हैडसऑन ट्रेनिंग : कैरेक्टराइजेशन टेक्निक्स-टूलस इन रिलेशन टू केस स्टडीज (वी रजनीकांत व बी साहू)।

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