बिहार-झारखंड के चुनाव से लौहनगरी में पसरा सन्नाटा, सरयू गए बिहार, मुंडा-रघुवर झारखंड में व्यस्त

Jharkhand Politics.झारखंड विधानसभा का चुनाव हुए करीब 10 माह हो गए। करीब छह माह बाद यहां की राजनीति गरमाने लगी थी कि एकाएक इस पर विराम लग गया है। क्योंकि यहां के लगभग सभी छोटे-बड़े नेता-कार्यकर्ता या तो बिहार चले गए या बेरमो-दुमका में व्यस्त हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 09:29 AM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 09:29 AM (IST)
बिहार-झारखंड के चुनाव से लौहनगरी में पसरा सन्नाटा, सरयू गए बिहार, मुंडा-रघुवर झारखंड में व्यस्त
बिहार में चुनाव प्रचार करते जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय।

जमशेदपुर, जासं। झारखंड विधानसभा का चुनाव हुए करीब 10 माह हो गए। करीब छह माह बाद यहां की राजनीति गरमाने लगी थी कि एकाएक इस पर विराम लग गया है। क्योंकि यहां के लगभग सभी छोटे-बड़े नेता-कार्यकर्ता या तो बिहार चले गए या बेरमो-दुमका में व्यस्त हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराकर विधायक बनने वाले सरयू राय बिहार में हैं। 

वे वहां छपरा, सिवान, गोपालगंज में जदयू व निर्दलीय उम्मीदवारों का प्रचार कर रहे हैं। इससे पहले बक्सर व आरा में व्यस्त रहे। इस बार सरयू ने अपनी पार्टी भारतीय जनता मोर्चा से जमशेदपुर निवासी रमेश कुमार को बक्सर से उम्मीदवार बनाया है। सरयू ने उनके लिए प्रचार भी किया। इसके बाद नवादा-नालंदा भी सरयू गए। वहीं भाजपा ने अपने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास को कुछ दिन पहले बिहार भेजा था, लेकिन फिर बेरमो-दुमका बुला लिया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी दुमका पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। जमशेदपुर से भाजपा के महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव भी इन दिनों बेरमो में प्रचार कर रहे हैं। यह तो बात हुई भाजपा की।

बन्‍ना भी गए दुमका

 अब कांग्रेस पर गौर करें तो झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ दुमका पहुंच गए हैं। वे यहां शनिवार तक झामुमो के उम्मीदवार व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अनुज बसंत सोरेन के लिए प्रचार करेंगे। जमशेदपुर से इंटक के दो नेता नितेश राज व अरविंद पांडेय बेरमो गए हैं, जहां इंटक के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्व. राजेंद्र प्रसाद सिंह के पुत्र जयमंगल उर्फ अनूप सिंह महागठबंधन के उम्मीदवार हैं। इनके समर्थन में टेल्को वर्कर्स यूनियन से जुड़े इंटक नेता भी बेरमो में डेरा डाले हुए हैं। कुल मिलाकर बिहार विधानसभा के चुनाव और बेरमो-दुमका में विधानसभा के उपचुनाव से जमशेदपुर की राजनीति में सन्नाटा पसरा हुआ है। यह माहौल तीन नवंबर के बाद ही बदलेगा।

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