गुरु गुरु कर मन मोर, गुरु बिना नाही को होर..

गुरु गुरु कर मन मोर, गुरु बिना नाही को होर.. आदि कीर्तन गायन कर स

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Dec 2017 03:00 AM (IST) Updated:Mon, 18 Dec 2017 03:00 AM (IST)
गुरु गुरु कर मन मोर, गुरु बिना नाही को होर..
गुरु गुरु कर मन मोर, गुरु बिना नाही को होर..

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : गुरु गुरु कर मन मोर, गुरु बिना नाही को होर.. आदि कीर्तन गायन कर संगत को कीर्तनी जत्थों ने दो दिवसीय कीर्तन दरबार के अंतिम दिन रविवार को निहाल किया।

सिख नौजवान सभा की ओर से मनीफीट गुरुद्वारा में गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस के अवसर पर कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। इससे पूर्व गुरुद्वारा साहिब मनीफीट से सुबह नौ बजे शोभायात्रा निकाली गई। कीर्तन गायन करते हुए यह शोभा यात्रा मनीफीट मैदान में बने पंडाल तक आई। दरबार साहिब अमृतसर से आए कथावाचक भाई जसविंदर सिंह सहुर जी ने गुरु तेग बहादुर की जीवनी पर प्रकाश डाला। इसके बाद आसनसोल से आए बीबी प्रभजोत कौर की टीम ने कथा गायन कर संगत को निहाल किया। वहीं जमशेदपुर के गुरु तेग बहादुर कीर्तनी जत्था ने कीर्तन गायन किया। जबकि ढाढ़ी जत्था ने भी संगत को जोड़े रखा। रविवार की दोपहर कीर्तन दरबार की समाप्ति के बाद गुरु का अटूट लंगर संगत के बीच वितरण किया। शाम को फिर से कीर्तन दरबार का आयोजन पंडाल में शुरू हुआ। और रात करीब 10.30 बजे इसकी समाप्ति होने के बाद गुरु का अटूट लंगर संगत के बीच वितरण किया गया। दो दिवसीय कीर्तन दरबार का समापन रविवार की रात कीर्तन दरबार की समाप्ति के साथ हुआ।

कार्यक्रम को सफल बनाने में सिख नौजवान सभा के प्रधान अमरजीत सिंह सहित सतनाम सिंह, राजेंद्र सिंह, गुरुमुख सिंह, गुरुवचन सिंह, जगजीत सिंह सहित मनीफीट और सोखी कालोनी की संगत का सहयोग रहा।

कीताडीह गुरुद्वारा में हुई कीर्तन दरबार की समाप्ति

दो दिवसीय कीर्तन दरबार की समाप्ति रविवार की रात कीर्तन दरबार की समाप्ति के साथ कीताडीह दुर्गा पूजा मैदान में हुई। इससे पूर्व रविवार की सुबह कीताडीह गुरुद्वारा से शोभा यात्रा निकली जो कीताडीह दुर्गापूजा पंडाल में जाकर समाप्त हुई। जिसके बाद मौके पर कीर्तनी जत्थों ने कीर्तन गायन कर संगत को निहाल किया। इस मौके पर पहुंचे झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष गुरदेव सिंह राजा को शॉल देकर सम्मानित किया गया।

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