चौंकिए मत! यहां मुर्दे भी बांट रहे दवा

कोल्हान प्रमंडल में मृतकों के नाम व बिना फार्मासिस्ट के दवा दुकानें संचालित हो रही है।कोल्हान में लगभग 1200 दवा दुकानें संचालित हो रही है। जबकि फार्मासिस्टों की संख्या लगभग 550 है। एेसे में बाकी दवा दुकानें कैसे चल रही है यह बड़ा सवाल है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Sep 2022 05:37 PM (IST) Updated:Mon, 26 Sep 2022 05:37 PM (IST)
चौंकिए मत! यहां मुर्दे भी बांट रहे दवा
इस खबर को प्रदर्शित करने के लिए यह प्रतीकात्मक तस्वीर।

अमित तिवारी, जमशेदपुर : मुर्दे को दवा बांटते हुए आपने कभी सुना है। जवाब होगा नहीं। लेकिन जमशेदपुर में ऐसा ही हो रहा है। सुनकर तो भरोसा नहीं होता लेकिन यह सोलह आने सच है। ऐसी दवा दुकानों की शिकायत ड्रग विभाग के पास पहुंची है। दरअसल, बारीडीह स्थित मां जगदंबा मेडिकल के लाइसेंस में राजेश नामक फार्मासिस्ट का नाम दर्ज है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि उनका निधन करीब दो साल पूर्व ही हो चुका है। ऐसे में दवा दुकान कैसे चल रही है और दवा कौन दे रहा है, यह गंभीर सवाल है। दवा देने का अधिकार सिर्फ फार्मासिस्टों को ही दी गई है। वहीं, मां जगदंबा मेडिकल के संचालक पिंटू सिंह से इस संदर्भ में पूछा गया तो वह चौंक गए। कहा कि जल्द ही दूसरे फार्मासिस्टों की नियुक्त करते हुए लाइसेंस ले ली जाएगी। इसी तरह, साकची फार्मा मेडिकल दुकान के लाइसेंस में फार्मासिस्ट असीम भट्टाचार्य का नाम दर्ज है जिनका निधन लगभग 18 माह पूर्व ही हो चुका है। इसके बावजूद भी वह दवा दुकान किसकी अनुमति से चल रही है, यह बड़ा सवाल है। इस संदर्भ में जब दुकान के संचालक से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे मालूम नहीं कि लाइसेंस में किस फार्मासिस्ट का नाम अंकित है, उसे देखना होगा। अब यह सोचने वाली बात है कि दुकान के मालिक को अगर फार्मासिस्ट की जानकारी नहीं तो फिर दुकान कैसे चल रही है और कौन चला रहा है। यह जांच का विषय है। शहर में इस तरह के दर्जनों दुकानें संचालित हो रही है और मरीजों की जान से खेला जा रहा है। ड्रग इंस्पेक्टर अर्चना खालको ने कहा कि बिना लाइसेंस के चल रही दवा दुकानों के खिलाफ सख्ती के साथ कार्रवाई होगी।

मानवता की बाजार में जान का धंधा

एक गलत दवा मरीज की जान ले सकती है लेकिन शहर में सैकड़ों दुकानों में लापरवाही बरती जा रही है। अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने जिला प्रशासन व ड्रग विभाग को जमशेदपुर शहरी क्षेत्र के 78 दवा दुकानों की सूची सौंपी है, जिनके फार्मासिस्ट की डिग्री फर्जी होना का दावा किया गया है। वहीं, 32 दुकान बिना फार्मासिस्ट के ही चल रही है। फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अनुसार, कोल्हान में लगभग 1200 दवा दुकानें संचालित है जबकि रजिस्टर्ड फार्मासिस्टों की संख्या 550 है। ऐसे में 650 दवा दुकानें कैसे संचालित हो रही है, यह जांच का विषय है।

फार्मासिस्ट के कार्य

- दवाइयों की सही जानकारी एक फार्मासिस्ट को ही होती है।

- रोगियों को दवाइयों के बारे में सलाह देना और यह भी बताना कि उन दवाइयों को कैसे लेना है।

- रोगियों को दी जाने वाली दवाइयों की गुणवत्ता की जांच करना।

- यह निश्चित करना की दवाइयों की सप्लाई नियमत: हो रही है या नहीं।

- रोगियों को दी जाने वाली दवा का साइड इफेक्ट नहीं हो, इसका ख्याल भी रखना होता है।

कोट ::

फर्जी सर्टिफिकेट व बिना लाइसेंस की दवा दुकानें चल रही है। इसकी जांच होनी चाहिए।

- जितेंद्र शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष, फार्मासिस्ट एसोसिएशन।

पुख्ता प्रमाण देने के बावजूद कार्रवाई नहीं होना चिंता का विषय है। कार्रवाई होनी चाहिए।

- पीयूष चटर्जी, अध्यक्ष, कोल्हान, फार्मासिस्ट एसोसिएशन।

दुर्भाग्य की बात है कि यहां बड़ी संख्या में बिना रजिस्ट्रेशन के ही फार्मासिस्ट दवा दुकानें चला रहे हैं।

- धर्मेंद्र सिंह, सदस्य, झारखंड स्टेट फार्मेसी काउंसिल।

जहां फार्मासिस्ट हो वहीं से दवा खरीदें। अप्रशिक्षित लोग दवा दुकानें चला रहे हैं।

- चंद्रशेखर सिंह, फार्मासिस्ट।

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