Tata-Cyrus War : टाटा संस के साथ लड़ाई में कर्ज के बोझ से दबता जा रहा मिस्त्री परिवार

Tata-Cyrus War रतन टाटा से पंगा लेना अब साइरस मिस्त्री को महंगा पड़ रहा है। कर्ज के बोझ तले दबे मिस्त्री परिवार ने हाल ही में Eureka Forbes को बेच दिया था। अब अदालती लड़ाई से निबटने को साइरस मिस्त्री 6600 करोड़ का डिबेंचर बेचने जा रहे हैं।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Wed, 06 Oct 2021 10:15 AM (IST) Updated:Wed, 06 Oct 2021 05:59 PM (IST)
Tata-Cyrus War : टाटा संस के साथ लड़ाई में कर्ज के बोझ से दबता जा रहा मिस्त्री परिवार
टाटा संस के साथ लड़ाई में कर्ज के बोझ से दबता जा रहा मिस्त्री परिवार

जमशेदपुर, जासं। टाटा समूह से अलग होने के बाद साइरस मिस्त्री का परिवार कर्ज के बोझ से दबता जा रहा है। इसी वजह से मिस्त्री परिवार डिबेंचर बेचकर 6,600 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। यह बात 25 सितंबर को मिस्त्री परिवार की इकाई द्वारा रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास दायर दस्तावेजों के अनुसार शापूरजी पालोनजी के प्रमोटरों ने इस तरह का आवेदन दिया है। इससे मिले रुपये टाटा संस के शेयरों के खिलाफ सुरक्षित होंगे।

वैसे कानून विशेषज्ञ इसे संदेह की नजर से देख रहे हैं, क्योंकि टाटा संस ने इससे पहले मिस्त्री द्वारा समूह की होल्डिंग कंपनी में अपनी हिस्सेदारी गिरवी रखने पर आपत्ति जताई थी। टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में मिस्त्री परिवार की 18 प्रतिशत हिस्सेदारी है। साइरस मिस्त्री अक्टूबर 2016 में टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए गए थे। इसके बाद दोनों पक्ष के बीच आपसी संबंध काफी तल्ख हो गए हैं।

कर्ज चुकाने के लिए मिस्त्री परिवार परेशान

बताया जाता है कि टाटा संस से अलग होने के बाद शापूरजी पालोनजी एंड कंपनी पर काफी कर्ज हो गया है। इसी कड़ी में मिस्त्री की कंपनी प्रस्तावित डिबेंचर इश्यू से जुटाए गए धन का उपयोग समूह की कंपनियों के बैंक ऋण के अग्रिम भुगतान के लिए और समूह फर्मों की कार्यशील पूंजी की जरूरतों के लिए जुटाना चाहती है।

इसकी कंपनी ऑयल ड्रिलिंग जैसे प्रोजेक्ट में काफी आगे बढ़ चुके है, लिहाजा उसे बनाए रखने की चुनौती है। टाटा संस में 9.185 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली मिस्त्री परिवार की कंपनी स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प द्वारा कंपनी रजिस्ट्रार के पास दायर किए गए दस्तावेज़ बताते हैं कि समूह की कंपनी इवेंजेलोस वेंचर्स के माध्यम से प्रमोटर टाटा संस के शेयरों को गिरवी रखकर पहले बताई गई राशि को बढ़ाने की योजना है।

स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट के पास टाटा संस के शेयर हाल तक स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के पास शापूरजी पालोनजी एंड कंपनी लिमिटेड के 2,800 करोड़ रुपये के बकाया ऋणों के लिए गिरवी रखे गए थे। हालांकि यह बात भी कही जा रही है कि ऋण पिछले महीने प्रीपेड थे और शेयर स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक द्वारा जारी किए गए थे। वैसे इस संबंध में शापूरजी पालोनजी व टाटा संस ने कोई जवाब नहीं दिया है।

दोनों की लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट ने नहीं की टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने 26 मार्च को एक फैसले में टाटा के पक्ष में लंबी कानूनी लड़ाई का फैसला करते हुए कंपनी के अध्यक्ष के रूप में साइरस मिस्त्री को हटाने के टाटा संस के अधिकार को बरकरार रखा था। मिस्त्री ने अक्टूबर 2016 को हटाए जाने को चुनौती दी थी। मिस्त्री परिवार के पास टाटा संस के शेयर गिरवी रखे जा सकते हैं या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई टिप्पणी नहीं की है। इस बात का कोई उल्लेख नहीं है कि क्या टाटा संस के शेयरों को कंपनी के एसोसिएशन के लेखों में गिरवी रखा जा सकता है। इसके अलावा, शेयरों का उचित मूल्य प्राप्त करने की एक प्रक्रिया है जिसे परिभाषित किया गया है। इसका मतलब यह भी निकल रहा है कि शेयर बहुत अधिक व्यापार योग्य हैं।

शापूरजी पालोनजी पर करीब 20,000 करोड़ का कर्ज

बताया जाता है कि करीब 150 साल पुराने शापूरजी पालोनजी एंड कंपनी समूह पर करीब 20,000 करोड़ रुपये का कुल कर्ज है। वह बैंक ऋण चुकाने के लिए अपनी संपत्ति बेच रहा है। कंपनी ने हाल ही में यूरेका फोर्ब्स में अपनी बड़ी हिस्सेदारी निजी इक्विटी फर्म एडवेंट इंटरनेशनल को 4,400 करोड़ रुपये में बेच दी थी।

इसी कड़ी में समूह अपनी स्टर्लिंग और विल्सन सोलर यूनिट भी कर्ज कम करने के लिए साझेदार की तलाश कर रही है। भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में ऋणदाताओं के संघ ने पिछले साल अक्टूबर में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुरू किए गए कोविड राहत कार्यक्रम के हिस्से के रूप में कंपनी के लिए एकमुश्त पुनर्गठन (ओटीआर) पैकेज को मंजूरी दी थी। इसने कंपनी को अपने ऋण चुकाने के दायित्वों से दो साल की राहत प्रदान की है।

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