बिना अनुमति निर्माण का को-आपरेटिव कालेज प्रबंधन ने किया विरोध

को-आपरेटिव कालेज साइंस ब्लॉक के पास मंगलवार को टाटा स्टील लैंड विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी गेट व बाउंड्रीवाल का निर्माण कार्य प्रारंभ पहुंच गए। चूंकि अभी कालेज में शीतकालीन अवकाश चल रहा है। बावजूद इसके मंगलवार को लैंड विभाग के अधिकारियों ने निर्माण कार्य प्रारंभ करने को साइंस ब्लॉक के पीछे की जमीन पर कर्मचारियों के साथ लैंड विभाग के अधिकारी पहुंचे..

By JagranEdited By: Publish:Wed, 30 Dec 2020 06:00 AM (IST) Updated:Wed, 30 Dec 2020 06:00 AM (IST)
बिना अनुमति निर्माण का को-आपरेटिव कालेज प्रबंधन ने किया विरोध
बिना अनुमति निर्माण का को-आपरेटिव कालेज प्रबंधन ने किया विरोध

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : को-आपरेटिव कालेज साइंस ब्लॉक के पास मंगलवार को टाटा स्टील लैंड विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी गेट व बाउंड्रीवाल का निर्माण कार्य प्रारंभ पहुंच गए। चूंकि अभी कालेज में शीतकालीन अवकाश चल रहा है। बावजूद इसके मंगलवार को लैंड विभाग के अधिकारियों ने निर्माण कार्य प्रारंभ करने को साइंस ब्लॉक के पीछे की जमीन पर कर्मचारियों के साथ लैंड विभाग के अधिकारी पहुंचे। इसकी जानकारी कालेज प्रबंधन को मिलते ही सभी कर्मचारी व शिक्षक कालेज पहुंच गए। प्रिसिपल डा. वीके सिंह को इस मामले की जानकारी दी गई। प्रिसिपल भी आधे घंटे के अंदर कालेज पहुंच गए। सभी ने मिलकर इस कार्य का विरोध किया। इस दौरान विभाग के पदाधिकारियों के साथ कालेज के कर्मचारियों व शिक्षकों के बीच सुबह दस बजे से 12 बजे तक बहस बाजी होती रही। फिर प्रिसिपल के कक्ष में बैठक आयोजित हुई। इसमें प्रिसिपल डा. वीके सिंह ने कहा कि साइंस ब्लॉक के पास छह एकड़ की जमीन कालेज के नाम सर्वे में दर्ज हैं। इस पर आपत्ति करते हुए टाटा स्टील ने न्यायालय में मामला दायर कर रखा है। ऐसे में जब तक इस पर कोई फैसला नहीं आ जाता, तब तक निर्माण कार्य नहीं होना चाहिए। लैंड विभाग के पदाधिकारी अमित का तर्क था, सब कुछ कालेज के पास रहेगा। गेट की चाबी भी कालेज के पास रहेगी। बस जगह का अतिक्रमण न हो इस कारण हम यह कार्य करना चाहते हैं। प्रिसिपल ने इस पर कहा कि जब न्यायालय का फैसला नहीं होगा तब तक इस पर कोई कार्य होना न्यायालय की अवमानना है। कोल्हान विश्वविद्यालय के पास भी इस जमीन की चारदीवारी की योजना है, लेकिन मामला न्यायालय में लंबित होने के कारण हम इस पर कुछ नहीं कर पा रहे। उन्होंने लैंड विभाग द्वारा इस तरह बिना बताएं कार्य प्रारंभ किए जाने पर सवाल उठाए हैं।

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