तीसरी संतान की जानकारी छुपाना वार्ड पार्षद को पड़ा महंगा, चाईबासा नगर परिषद के पार्षद विप्लव कुमार की सदस्यता समाप्त

नगर परिषद चाईबासा के वार्ड नंबर 5 के वार्ड पार्षद विप्लव कुमार को नगर परिषद चुनाव में शपथ पत्र के दौरान गलत जानकारी देने के कारण वार्ड पार्षद में अयोग्य करार देते हुए उनकी सदस्यता समाप्त कर दी है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Wed, 22 Dec 2021 04:40 PM (IST) Updated:Wed, 22 Dec 2021 04:40 PM (IST)
तीसरी संतान की जानकारी छुपाना वार्ड पार्षद को पड़ा महंगा, चाईबासा नगर परिषद के पार्षद विप्लव कुमार की सदस्यता समाप्त
नगर परिषद के वार्ड संख्या 5 के पार्षद विप्लव कुमार दोषी पाए जाते हैं।

चाईबासा, जागरण संवाददाता। नगर परिषद चाईबासा के वार्ड नंबर 5 के वार्ड पार्षद विप्लव कुमार को नगर परिषद चुनाव में शपथ पत्र के दौरान गलत जानकारी देने के कारण वार्ड पार्षद में अयोग्य करार देते हुए उनकी सदस्यता समाप्त कर दी है। नगर विकास एवं आवास विभाग झारखंड सरकार के द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि शिकायतकर्ता सुधीर सरकार एवं अन्य ने 17 मई 2018 को जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त को शिकायत पत्र दिया था कि विप्लव कुमार वार्ड पार्षद वार्ड संख्या 5 नगर परिषद चाईबासा के द्वारा संतान के संबंध में गलत जानकारी निर्वाचन विभाग को दी गयी थी।

विप्लव कुमार की तीसरी संतान का 15 सितंबर 2015 को जन्म हुआ है। झारखंड नगरपालिका अधिनियम के तहत विप्लव अयोग्य प्रत्याशी हैं । राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव के द्वारा जांच के बाद वार्ड पार्षद से बयान एवं कारण भी पूछा गया। जिसमें पाया गया कि नगर परिषद अधिनियम के तहत 2013 के बाद तीसरा संतान होने पर उन्हें चुनाव लड़ने के लिए आयोग्य माना जाएगा । जांच के बाद पाया गया कि प्रखंड विकास पदाधिकारी चाईबासा, टाटा मेन हॉस्पिटल जमशेदपुर से मिली जानकारी के अनुसार विप्लव कुमार की पत्नी मजरी सिंह के द्वारा जीवित तीसरी संतान को जन्म दिया गया है। जबकि विप्लव कुमार के द्वारा चुनाव के दौरान गलत शपथ पत्र दिया गया था। जांच पदाधिकारी के द्वारा जानकारी दी गई कि विप्लव कुमार ने शपथ पत्र में गलत जानकारी दी है। इसके कारण उन्हें पद से मुक्त कर दिया जाये।

विप्लव ने कही ये बात

इसलिए जांच पदाधिकारी की रिपोर्ट, नगर परिषद अधिनियम के तहत चाईबासा नगर परिषद के वार्ड संख्या 5 के पार्षद विप्लव कुमार दोषी पाए जाते हैं। वार्ड परिषद के पद के लिए वह योग्य है , इसलिए उन्हें अयोग्य घोषित करते हुए उनकी सदस्यता समाप्त की जाती है। इस संबंध में विप्लव कुमार ने कहा कि इसकी पूरी जानकारी मुझे नहीं है। विभाग की ओर से कोई पत्र भी नहीं मिला है। पत्र आने पर इसके बारे में उचित जवाब और कार्रवाई की जायेगी।

chat bot
आपका साथी