E-Commerce कंपनियों की याचिका सुुप्रीम कोर्ट में रद्द होने पर कैट ने जताई खुशी

व्यापार दिवस के अवसर पर देश के व्यापारिक समुदाय के लिए सोमवार का दिन काफी अहम और खुशी का दिन रहा। सुप्रीम कोर्ट ने ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न और फ्लिपकार्ट द्वारा दायर याचिका को निरस्त कर दिया है। कंफडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इस पर खुशी जाहिर की है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Mon, 09 Aug 2021 05:18 PM (IST) Updated:Mon, 09 Aug 2021 06:54 PM (IST)
E-Commerce कंपनियों की याचिका सुुप्रीम कोर्ट में रद्द होने पर कैट ने जताई खुशी
कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया की फाइल फोटो।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। व्यापार दिवस के अवसर पर देश के व्यापारिक समुदाय के लिए सोमवार का दिन काफी अहम और खुशी का दिन रहा। सुप्रीम कोर्ट ने ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न और फ्लिपकार्ट द्वारा दायर याचिका को निरस्त कर दिया है। कंफडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इस पर खुशी जारी की है। कैट का कहना है कि देश के ई-कॉमर्स द्वारा व्यापार में कुप्रथाओं और देश के क़ानून एवं नियमों के खिलाफ वे पिछले दो सालों से संघर्ष कर रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिया गया निर्णय उसका ही परिणाम है।

भारत के व्यापारी देश में मुक्त, निष्पक्ष और तटस्थ ई-कॉमर्स वातावरण सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। कंफडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल और राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि हम केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल का भी आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने कई बार केंद्र सरकार के रुख स्पष्ट किया कि भारत में कानून के उल्लंघन की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी। विभिन्न मंचों पर भी उन्होंने अपनी बात को दोहराया। प्रवीण और सुरेश ने कहा कि शीर्ष अदालत द्वारा अमेज़न और फ्लिपकार्ट, दोनों ई-कॉमर्स कंपनियों की याचिका को खारिज करने के साथ अब सीसीआई के लिए दोनों कंपनियों के बिजनेस मॉडल की जांच करने में आसानी होगी। इस तथ्य के बावजूद कि सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों ई-कॉमर्स कंपनियों को सीसीआई द्वारा भेजे गए सवालों पर जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।

नियमों को तुरंत लागू करने का आग्रह

कैट ने केंद्रीय वाणिज्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल से उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत ई-कॉमर्स नियमों को तुरंत लागू करने का आग्रह किया है ताकि किसी भी ई कॉमर्स कंपनी, चाहे विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनी हो या स्वदेशी, ई कॉमर्स व्यापार में मनमानी या हेरफेर कर अपना प्रभुत्व जमाने का कोई मौका नहीं मिल सकेगा। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीथारमन से भी आग्रह किया है कि प्रवर्तन निदेशालय को फ्लिपकार्ट की तरह अमेज़न को भी नोटिस देने का निर्देश दिया जाए क्योंकि समान शिकायतें अमेज़न और फ्लिपकार्ट के खिलाफ की गई हैं। अमेज़न के खिलाफ कैट की शिकायत पहले से ही प्रवर्तन निदेशालय के पास लंबित है।

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