झारखंड को बड़ी उपलब्धि, पहली बार एमजीएम में सात विषयों में होगी पीजी की पढ़ाई

महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज में सात विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) की पढ़ाई शुरू होगी। इसे लेकर नेशनल मेडिकल कमशीन (एनएमसी) ने हरी झंडी दे दी है। वहीं इस बाबत पत्र भी जारी किया है। पीजी की कुल 11 सीट पर एनएमसी ने लेटर ऑफ परमिशन दी है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Tue, 02 Nov 2021 10:40 AM (IST) Updated:Tue, 02 Nov 2021 10:40 AM (IST)
झारखंड को बड़ी उपलब्धि, पहली बार एमजीएम में सात विषयों में होगी पीजी की पढ़ाई
महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज जमशेदपुर। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : झारखंड को बड़ी उपलब्धि मिली है। इतिहास में पहली बार महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज में सात विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) की पढ़ाई शुरू होगी। इसे लेकर नेशनल मेडिकल कमशीन (एनएमसी) ने हरी झंडी दे दी है। वहीं, इस बाबत पत्र भी जारी किया है। पीजी की कुल 11 सीट पर एनएमसी ने लेटर ऑफ परमिशन दी है।

इसमें शिशु रोग विभाग में तीन सीट, पैथोलॉजी विभाग में तीन, एनेस्थीसिया विभाग में दो, चर्म रोग विभाग में एक व सर्जरी विभाग में दो सीट शामिल हैं। इससे पूर्व महिला एवं प्रसूति रोग विभाग में तीन और हड्डी रोग विभाग में तीन सीट पर लेटर ऑफ परमिशन मिल चुका है। प्रिंसिपल डॉ. केएन सिंह ने कहा कि अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो बहुत जल्द ही एनएमसी की ओर से सातों विषयों में स्थायी अनुमति मिल जाएगी। उम्मीद है कि जल्द ही पीजी की पढ़ाई शुरु हो जाएगी।

मेडिसिन विभाग को नहीं मिली मान्यता

मेडिसिन विभाग में भी पीजी की पढ़ाई शुरू करने के लिए आवेदन किया गया था लेकिन नहीं मिली। इसकी जांच करने के लिए एनएमसी की टीम आई थी लेकिन उस दौरान कई खामियां सामने आई। जिसके कारण इसमें फिलहाल पीजी की मान्यता नहीं मिली है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस विभाग में चिकित्सकों की भारी कमी है, जो सबसे बड़ा रोड़ा बना है। हालांकि, कॉलेज प्रबंधन को उम्मीद है कि इस विषय में भी जल्द ही पीजी की पढ़ाई शुरू हो सकेगी। इसमें जो खामियां हैं उसे दूर करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।

विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी होगी दूर

कोल्हान में विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी है लेकिन अब पीजी की पढ़ाई शुरू होने से उनकी संख्या में वृद्धि हो पाएगी। एमजीएम मेडिकल कॉलेज में अभी तक पीजी की पढ़ाई शुरू नहीं होने से एमबीबीएस चिकित्सकों को पीजी के लिए बाहर जाना पड़ता था। इस दौरान जो चिकित्सक बाहर जाते हैं तो फिर दोबारा लौट कर जमशेदपुर नहीं आते। इस कारण से भी जमशेदपुर में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है।

यह बड़ी उपलब्धि है। अभी तक इतने विषयों में पीजी की पढ़ाई की सुविधा नहीं थी। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को भी बधाई, जिनके नेतृत्व में यह संभव हुआ है। उम्मीद है आगे परिणाम और भी बेहतर होगा।

- डॉ. केएन सिंह, प्रिंसिपल, एमजीएम मेडिकल कॉलेज।

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