पत्थलगढ़ी से नहीं निकलेगा समाधान : सालखन मुर्मू

जासं, जमशेदपुर : पत्थलगढ़ी करने, पांचवीं अनुसूची का डंका पीटने, ग्राम सभा सर्वोच्च है का नार

By JagranEdited By: Publish:Mon, 05 Mar 2018 07:24 PM (IST) Updated:Mon, 05 Mar 2018 07:24 PM (IST)
पत्थलगढ़ी से नहीं निकलेगा समाधान : सालखन मुर्मू
पत्थलगढ़ी से नहीं निकलेगा समाधान : सालखन मुर्मू

जासं, जमशेदपुर : पत्थलगढ़ी करने, पांचवीं अनुसूची का डंका पीटने, ग्राम सभा सर्वोच्च है का नारा देने आदि से आदिवासी समाज का भला नहीं हो सकता। वास्तव में सभी मूल आदिवासी समस्याएं राजनीतिक हैं और इसके लिए सभी पार्टियों में शामिल राज्य के सभी 28 आदिवासी विधायक दोषी हैं। उक्त बातें पूर्व सांसद और आदिवासी सेंगेल अभियान और झारखंड दिशोम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कही। मुर्मू ने कहा कि 28 आदिवासी विधायक ही समस्या हैं और समाधान भी। आदिवासी समाज को सभी आदिवासी विधायकों की ओर निशाना बनाते हुए समाधान की रणनीति पर काम करना चाहिए। कुद सामाजिक राजनीतिक अगुआ आदिवासी समाज को भटकाने का काम कर रहे हैं, कुछ जातियां आदिवासी बनने को तत्पर हैं। यह उनका निजी मामला है। पूर्व सांसद ने कहा कि केवल वोट के लिए आदिवासी हितों के खिलाफ झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा उनका समर्थन करना गलत है। गलत स्थानीयता नीति और गलत भूमि अधिग्रहण नीति आदि मुख्यमंत्री रघुवर दास की देन है। सालखन मुर्मू ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन भी अब तक आदिवासी विरोधी ही साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज को अपना कीमती वोट हंडिया, दारू, धोती, साड़ी और रूपयों में नहीं बेचकर जल, जंगल, जमीन, हासा व भाषा आदि मुद्दों पर केंद्रीत करते हुए एक वैकल्पिक राजनीति का निर्माण करें अन्यथा केवल रैली, मीटिंग, जुलूस, नारेबाजी, पत्थलगढ़ी आदि से कोई समाधान नहीं निकलेगा। पूर्व सांसद ने कहा कि आदिवासी सेंगेल अभियान और झारखंड दिशोम पार्टी इसमें सहयोग के लिए तैयार है।

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