युवा भी हुए खादी के मुरीद

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : महात्मा गांधी ने जिस खादी को स्वावलंबन के लिए जन-जन तक पहुंचाया था, वह आ

By Edited By: Publish:Thu, 02 Oct 2014 12:56 PM (IST) Updated:Thu, 02 Oct 2014 12:56 PM (IST)
युवा भी हुए खादी के मुरीद

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : महात्मा गांधी ने जिस खादी को स्वावलंबन के लिए जन-जन तक पहुंचाया था, वह आम लोगों से दूर होता जा रहा था। हालांकि एक बार फिर नए जमाने में खादी युवाओं की पसंद बनने लगा है। इसकी सबसे बड़ी वजह रही कि खादी ने भी खुद को बदला है। रंग व डिजाइन से लेकर इसमें भी आकर्षक रेडीमेड परिधान हैं जो किसी का भी ध्यान आकृष्ट करते हैं। बिष्टुपुर स्थित खादी शोरूम के प्रबंधक विभूति राय बताते हैं कि खादी की तुलना किसी दूसरे कपड़े से की ही नहीं जा सकती। एक ही कपड़ा गर्मी में त्वचा को ठंडक पहुंचाता है, तो जाड़े में गर्मी का अहसास कराता है। जब तक यह खद्दर था, यह सिर्फ नेताओं या समाजवादियों का प्रतीक बना हुआ था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। खादी के शर्ट, पैंट, जैकेट, बंडी, कुर्ता आदि के मुरीद बड़ी तेजी से युवा भी हो गए हैं, क्योंकि अब यह कई रंगों-डिजाइनों में उपलब्ध है। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गत वर्ष जहां खादी भवन ने ढाई करोड़ का कारोबार किया था, नए वित्तीय वर्ष के तीन माह में इसकी बिक्री डेढ़ करोड़ रुपये को पार कर गई है। अनुमान है कि चालू वित्तीय वर्ष में हम लगभग पांच करोड़ का कारोबार कर लेंगे। खादी के परिधान सूती के अलावा सिल्क में तो थे ही, पालिएस्टर में भी आ गए हैं। खादी पालिएस्टर में जींस पैंट के कपड़े की मांग अच्छी खासी है।

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चल निकला जोहार ब्रांड

झारखंड में खादी वस्त्रों का जोहार ब्रांड दो साल पहले अस्तित्व में आया था, खासा लोकप्रिय हो रहा है। इसकी नींव तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने रखी थी। आज जोहार ब्रांड के स्टाइलिश ड्रेस घोड़ाबांधा (टेल्को), बिष्टुपुर व देवघर में बनाए जा रहे हैं। इसके शर्ट की डिजाइन व पैकिंग भी काफी आकर्षक है, तो कीमत 400-575 रुपये के बीच। गांधी जयंती के अवसर पर 22 सितंबर से तीन अक्टूबर तक इसमें 25 फीसद की छूट दी जा रही है।

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