एक्सएलआरआइ छात्रों ने खींचा ग्रामीण विकास का खाका
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : यह उनके अध्ययन का हिस्सा भी था और समाज के लिए सरोकार भी जेवियर लेबर रिलेशंस इंस्टीट्यूट (एक्सएलआरआइ) के पीजीडीएम सत्र 2013-16 के छात्रों ने पटमदा प्रखंड के तीन गांवों में जाकर विस्तृत अध्ययन किया और वहां एक बेहतर जीवनयापन के लिए जरूरी संसाधनों का प्रस्ताव तैयार किया। एक्सएलआरआइ छात्रों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट को गुरुवार को टाटा स्टील के सीनियर मैनेजर (ऑपरेशन) उमाशंकर पटनायक के नेतृत्व में उपायुक्त डा. अमिताभ कौशल को सौंपा गया। पूरे कार्यक्रम में मनोज व सुयश ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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इन गांवों का किया अध्ययन
एक्सएलआरआइ छात्रों ने पटमदा प्रखंड के गोबरघुसी, कुकरू व आमदापहाड़ी गांव में जाकर बेहतर व सुरक्षित जीवनयापन के लिए अध्ययन कर प्रस्ताव तैयार किया। इसके लिए अपने प्रवास के दौरान संबंधित गांवों के मुखिया, प्रधान, वार्ड सदस्य सहित अन्य लोगों के साथ ग्रामसभा में बैठ कर उनकी समस्याएं सुनीं जरूरतों का विश्लेषण किया।
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गोबरघुसी के लिए प्रस्ताव
- रानीझरना में 70 फीट चौड़ाई वाला चेकडैम बनने से गोबरघुसी गांव में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी।
- पशु चारा विकास व भेड़-बकरी पालन से लोगों को वैकल्पिक रोजगार
- बांस की खेती : भूमिहीन सबर जनजाति के लोग क्राफ्ट में कुशल हैं। बांस की खेती से उन्हें कच्चा माल पर्याप्त मिल सकेगा।
- नशामुक्ति जागरूकता अभियान : अधिकतर ग्रामीण अपनी आय को नशा करने में खर्च कर देते हैं। इससे आर्थिक हालत खराब होने के साथ ही स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
- आसान ऋण : आसान ऋण सुलभ कराने से ग्रामीण अपना कारोबार कर सकेंगे।
- मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम
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कुकरू गांव के लिए प्रस्ताव
- वर्तमान तालाब को बड़ा बनाकर गांव की जल समस्या से निजात
- काजू की खेती को बढ़ावा देकर अर्थोपार्जन
-नशामुक्ति जागरूकता अभियान : जीवनस्तर ऊंचा उठाने व आर्थिक हालत सुदृढ़ करने में नशामुक्ति जागरूकता अभियान सहायक।
- आसान ऋण : आसान ऋण सुलभ कराने से ग्रामीण अपना कारोबार कर सकेंगे।
- मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम
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आमदा पहाड़ी के लिए प्रस्ताव
- विद्युतीकरण से वंचित क्षेत्र में बिजली की व्यवस्था जरूरी
- कुंएं की खोदाई से ग्रामीणों को लाभ
- पशु चारा विकास व भेड़-बकरी पालन से लोगों को वैकल्पिक रोजगार
- मोबाइल मेडिकल वैन के माध्यम से क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को प्रदान करना जरूरी
- नशामुक्ति जागरूकता अभियान : अधिकतर ग्रामीण अपनी आय को नशा करने में खर्च कर देते हैं। इससे आर्थिक हालत खराब होने के साथ ही स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
- आसान ऋण : आसान ऋण सुलभ कराने से ग्रामीण अपना कारोबार कर सकेंगे।
- मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम
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