टेक्नोविजन सुपर 30 बना रहा इंजीनियर, डॉक्टर

यहां के कई विद्यार्थियों ने नीट तथा एम्स में अच्छे रैंक प्राप्त किए हैं।

By Edited By: Publish:Wed, 25 Apr 2018 06:49 PM (IST) Updated:Thu, 26 Apr 2018 02:10 AM (IST)
टेक्नोविजन सुपर 30 बना रहा इंजीनियर, डॉक्टर
टेक्नोविजन सुपर 30 बना रहा इंजीनियर, डॉक्टर
हजारीबाग : मटवारी स्थित टेक्नोविजन सुपर 30 आइआइटी एकेडमी में दसवीं पास विद्यार्थियों के लिए नामांकन सह स्कॉलरशिप परीक्षा प्रारंभ कर दी गई है। यह संस्थान विगत कुछ वर्षों में हजारीबाग से कई विद्यार्थियों को भारत के टॉप आइआइटी, एनआइटी, बिटस-पिलानी में दाखिला दिलवा चुकी है। साथ ही सीबीएसई और कई स्कूलों के टॉपर भी इसी संस्थान के ही विद्यार्थी हैं। आज हजारीबाग में न सिर्फ झारखंड सहित कई राज्यों से विद्यार्थी आ रहे है। संस्थान का हजारीबाग को इंजीनिय¨रग और मेडिकल की तैयारी का एजुकेशन हब बनाने में बहुत बड़ा योगदान रहा है। -------------------- मेडिकल की तैयारी के लिए डॉक्टरेंस 30 बैच : मेडिकल की तैयारी लिए 2 साल का डॉक्टरेंस 30 बैच बनाया जाएगा। मेडिकल की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए यह बैच मील का पत्थर साबित होता है। यहां के कई विद्यार्थियों ने नीट तथा एम्स में अच्छे रैंक प्राप्त किए हैं। ------------------- क्या है अभिभावकों की सोच : कुछ अभिभावक लाखों रुपये खर्च करके अपने बच्चे को कोटा और दिल्ली भेजना अपना स्टेटस समझते है, लेकिन वास्तविकता यह हैं कि डॉक्टर, इंजीनियर बनाना एक सपना ही रह जाता है, और अधिकतर विद्यार्थी 12वीं फेल हो जा रहे हैं। यहां से 35 से 40 प्रतिशत विद्यार्थी सफल होते है। ---------------------- छात्राओं के लिए विशेष स्कॉलरशिप : संस्थान प्रधानमंत्री के बेटी पढाओं योजना से प्रभावित होकर 90 प्रतिशत तक स्कॉलरशिप दे रही है। साथ ही एससी और एसटी विद्यार्थियों के लिए भी विशेष स्कॉलरशिप की व्यवस्था है। गुणवत्ता वाले शिक्षक हजारीबाग आकर अपनी सेवा दे रहे हैं। यहां के अधिकतर शिक्षक 10-12 साल से शिक्षण कार्य में लगे है। उच्च कोटि का स्टडी मेटेरियल, 8 घंटे तक लाइब्रेरी की सुविधा। छात्र-छात्राओं के लिए सारी सुविधाओं से लैस हॉस्टल की सुविधा, साप्ताहिक टेस्ट, रिजल्ट एसएमएस के द्वारा अभिभावक को जानकारी, मॉक टेस्ट ऑल इंडिया टेस्ट सीरीज डिस्कशन के साथ करवायी जाती है। फेकल्टी हेड डीके ¨सह जानकारी देते हुए बताया कि 10 वीं के बाद से ही विद्यार्थियों को तैयारी में लग जानी चाहिए।
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