जेपी कारा में सजायाफ्ता कैदी ने लगाई फांसी, मौत

जेपी कारा में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी योगेश कुमार

By JagranEdited By: Publish:Wed, 15 Jan 2020 07:03 PM (IST) Updated:Wed, 15 Jan 2020 07:03 PM (IST)
जेपी कारा में सजायाफ्ता कैदी ने लगाई फांसी, मौत
जेपी कारा में सजायाफ्ता कैदी ने लगाई फांसी, मौत

संवाद सहयोगी, हजारीबाग : जेपी कारा में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी योगेश कुमार चौहान ने बुधवार को फांसी लगाकर अपनी ईहलीला समाप्त कर ली। कैदी की मौत फांसी से होने की सूचना पर जेल में बगावत हो गई। जेल के अंदर हंगामा इस कदर बढ़ गया कि कारा प्रशासन को पगली घंटी बजानी पड़ी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम मेघा भारद्वाज, सदर थाना प्रभारी नीरज कुमार दल बल के साथ जेपी कारा पहुंचे और भारी मशक्कत के बाद कैदियों के चंगुल से शव को मुक्त कराया और सदर अस्पताल भेजवाया गया। योगेश धनबाद कोर्ट द्वारा हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। ढाई साल पूर्व उसे जेपी कारा हजारीबाग स्थानातंरित किया गया था। जानकारी के मुताबिक मृतक अंडा सेल में बंद था और वहीं उसने अपने पायजामा को रस्सी बनाकर फांसी लगा ली। सुबह फांसी लगाने की जानकारी वार्ड प्रभारी को मिली, इसके बाद उससे आनन फानन में नीचे उतारा गया। जेपी कारा में फांसी लगाकर जान देने की यह छह माह में दूसरी घटना है। वहीं दूसरी ओर सूचना पर पहुंचे परिजनों ने जेल प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए। बताया कि उनका बेटा मानसिक रूप से बीमार था, जेपी कारा द्वारा उसकी इलाज नहीं कराया गया। इलाज में लापरवाही को लेकर आरटीआइ के माध्यम से परिजनों ने पूर्व में जानकारी भी मांगी थी, बकायदा अधीक्षक को पत्र लिखकर इलाज कराने का गुहार भी लगाया था। इस बीच एसडीएम के आदेश पर बोर्ड का गठन कर मृतक का पोस्टमार्टम कराया गया। परिजनों ने को शव सौंप कर पुलिस मामले की जांच शुरु कर दी है। जानकारी के मुताबिक 2014 में धनबाद के झरिया थाना क्षेत्र में एक सामूहिक हत्या हुई थी। इसमें दर्जन भर से अधिक लोग आरोपी बने थे। कोर्ट ने योगेश को दोषी पा कर सजा दी थी। परिजनों ने के अनुसार वह 11 साल से विक्षिप्त है और उसने कोर्ट को भी इलाज के रिपोर्ट दी, मगर किसी ने एक नहीं सुनी और उसके बच्चे की जान ले ली।

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