एक साल के बाद भी गैस से विद्युत शवदाह गृह नहीं हो पाया संचालन

रमण कुमार हजारीबाग अब से करीब चार वर्ष पूर्व नगर निगम के द्वारा खिरगांव मुक्तिधाम में कर

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 08:48 PM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 08:48 PM (IST)
एक साल के बाद भी गैस से विद्युत शवदाह गृह नहीं हो पाया संचालन
एक साल के बाद भी गैस से विद्युत शवदाह गृह नहीं हो पाया संचालन

रमण कुमार, हजारीबाग : अब से करीब चार वर्ष पूर्व नगर निगम के द्वारा खिरगांव मुक्तिधाम में करीब 1.75 करोड की लागत से विद्युत शवदाह गृह का निर्माण कराया गया था। निर्माण के उपरांत पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा एवं महापौर अंजलि कुमारी के द्वारा किया गया था। विद्युत शवदाह गृह के निर्माण का लक्ष्य लोगों की अंत्येष्टि में लकडी का उपयोग को कम करना एवं सुविधा प्रदान करना था। लेकिन अपने निर्माण के समय से ही शवदाह का विवादों से गहरा नाता रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम के द्वारा निविदा के आलोक में चेन्नई की कंपनी के द्वारा करीब 1.75 करोड की लागत से विद्युत शवदाह गृह का निर्माण किया गया था। लेकिन बमुश्किल से 10-12 शवों की अंत्येष्टि के बाद यह खराब हो गया। साथ ही इतने ही शवों के अंत्येष्टि के लिए करीब दस लाख रूपए का बिजली का बिल आ गया। इसके बाद से विद्युत शवदाह गृह का उपयोग नहीं हो पा रहा है। हालांकि कालांतर में निगम प्रशासन के द्वारा निर्माण करनेवाली कंपनी से पत्राचार कर इसे दुरूस्त करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन संबंधित कंपनी ने इससे अपना पल्ला झाड़ लिया।

विगत वर्ष कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में संक्रमितों की मौत होने के बाद उनका अंतिम संस्कार एक बड़ी समस्या के तौर पर उभरी । ऐसे में लोगों के द्वारा मुक्तिधाम के विद्युत शवदाह गृह का परिचालन प्रारंभ कराने की मांग की जाने लगी। इसके आलोक में तत्कालीन नगर आयुक्त माधवी मिश्रा के द्वारा पहल करते हुए विद्युत शवदाह का संचालन एलपीजी गैस से किए जाने को लेकर निविदा निकाली गई। निगम प्रशासन के द्वारा करीब 7.50 लाख रुपये खर्च कर विद्युत शवदाह गृह का संचालन विद्युत के बजाए एलपीजी गैस से किया जाना था। लेकिन जानकारों की माने तो निविदा प्रक्रिया में कुछ तकनीकी खामियों के कारण पूरा नहीं किया जा सके। इस कारण अब भी लोगों को पुराने ढंग से ही अंत्येष्टि करनी पड़ती है, जिसमें लकड़ी की खर्च अधिक होती है।

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